किसान आंदोलनः इस बार किसानों से पहले प्रशासन ने मुकम्मल कीं तैयारी
स्वतंत्र प्रभात
मथुरा। बसंत के आगमन के साथ ही किसान आंदोलन ने एक बार फिर अंगडाई ली है। सरकार के साथ वार्ता सफल होने के बाद नवंबर 2021 में किसानों ने आंदोलन खत्म किया था, लेकिन दो साल बाद किसान फिर सड़कों पर उतर आये हैं। किसान यूनियनों ने दिल्ली चलो का नारा दिया है। इस बार किसानों से पहले प्रशासन ने तैयारियों को पूरी तरह से अंजाम दिया है। किसानों को दिल्ली बॉर्डर से पहले रोकने के लिए इंटरस्टेट बार्डर पर भारी भरकम इंतजामात किये गये हैं।
यूपी से हरियाणा सीमा से जोड़ने वाले रास्तों पर पूरी तरह नाकाबंदी कर दी है। वहीं कोटवन करमन स्थित यूपी हरियाणा बॉर्डर पर बैरियर लगाकर रास्तों को बंद किया गया है। होडल एवं कोसी पुलिस तैनात रही है। किसान मूवमेंट को रोकने के लिए कई किसान नेता नजरबंद किये गये हैं और घरों पर पुलिस तैनात कर दी गई है।
नेशनल हाईवे 19 पर करमन कोटवन बार्डर पर पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ है जबकि सीओ आशीष शर्मा, कोसी थाना प्रभारी अरूण कुमार, होडल डीएसपी कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी उमर मोहम्मद ने बार्डर पर भारी पुलिस दल के साथ बैरिकेडिंग कर वाहनों की चैकिंग कर रहे हैं। इनके अलावा फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस भी मौके पर खड़ी की गई हैं।
वाहनों की जाती रही है चेकिंग
बॉर्डर पर नाकाबंदी के दौरान पुलिस प्रशासन दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों की लगातार चेकिंग कर रही है। पलवल जिला पुलिस अधीक्षक डॉ अंशु सिंगला, सीओ छाता आशीष शर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारी लगातार बॉर्डर को चैक कर रहे है। सीओ ने बताया कि पुलिस प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर है । उन्होंने किसान संगठन से अपील करते हुए कहा कि किसान कानून का उल्लंघन न करें। पुलिस किसान संगठन से जुड़े हुए लोगों की जानकारी लेकर उनकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
Comment List