यशश्रीशिन्दे हत्याकांड - कब तक चलेगा लवजेहाद?
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एक बार फिर देश की आर्थिक राजधानी में एक और निर्भया जैसा वीभत्स हत्याकांड सामने आया है यह हत्याकांड निर्भया हत्याकांड से भी अधिक दिल दहलाने वाला है क्योंकि इस हत्याकांड के पार्श्व में लवजेहाद है और एक जमानत पर छूटे पोस्को के अपराधी ने पीड़िता लड़की की नृशंस हत्या की है। नवी मुंबई के उरन इलाके में यशश्री शिंदे नाम की लड़की की हत्या के आरोप में पुलिस ने दाऊद शेख नाम को गिरफ्तार किया है । दाऊद ने यशश्री की हत्या करना स्वीकार किया है। प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक सुरेश शिंदे नाम के व्यक्ति ने (लड़की के पिता) पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनकी पत्नी ने 25 जुलाई को नवी मुंबई के उरन पुलिस स्टेशन में उनकी बेटी यशस्वी शिंदे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने इसमें मामला दर्ज करते हुए खोजबीन शुरू की।
यह मामला उरण में घटित हुआ, जहां 22 वर्षीय यशश्री शिंदे की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव शनिवार 27 जुलाई को एक खेत में झाड़ियों के बीच मिला था, जिसमें उसके चेहरे, शरीर और निजी अंगों पर चोटों के निशान थे। इस वारदात से नागरिकों में आक्रोश फैल गया गुस्साए नागरिकों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। यशश्री शिंदे 25 जुलाई को लापता हो गई थीं. वह बेलापुर में एक कंपनी में काम करती थीं और उरण में अपने परिवार के साथ रहती थीं. घटना के दिन वह सुबह काम पर निकली थीं और उसके बाद वापस नहीं लौटीं. उनके परिवार ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की. कुछ दिनों बाद, रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों में उनका शव मिला।
यशश्री के पिता ने अपने बयान में दाऊद शेख नामक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया। पीड़ित परिवार ने बताया कि गुमशुदगी के दो दिन बाद पुलिस ने बुलाया और हमें साथ लेकर एक पेट्रोल पंप के पास गए जहां एक लड़की का शव बेहद दयनीय अवस्था में पड़ा हुआ था। उसका चेहरा पूरी तरह से खराब कर दिया गया था और कपड़ों और लड़की के शरीर को देखकर उन्होंने पुलिस को यह जानकारी दी कि वह उनकी बेटी है। कुत्ते शव को नोंच रहे थे। पुलिस तत्काल रूप से लेकर उसे नवी मुंबई के इंदिरा गांधी अस्पताल में ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। लड़की के पिता ने अपने बयान में पुलिस को बताया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारदार हथियार से उसकी बेटी की हत्या की गई है।
पुलिस ने इस मामले में धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी) विवेक पानसरे के अनुसार शुक्रवार रात 2 बजकर 15 मिनट पर युवती का शव बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि पीड़िता बेलापुर में काम करती थी और उसने शुक्रवार को आधे दिन की छुट्टी ली थी। ऐसी आशंका है कि उसी दिन दोपहर साढ़े तीन से चार बजे के बीच उसकी हत्या की गई। हालांकि पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस को इस मामले में दाऊद शेख नाम के शख्स को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई है। नवी मुंबई पुलिस ने इस मामले के आरोपी दाऊद शेख को हिरासत में लिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दाऊद को कर्नाटक के गुलबर्गा से पकड़ा गया है। नवी मुंबई पुलिस अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित काले के मुताबिक फरार दाऊद एम. शेख कलबुर्गी जिले के शाहपुर हिल्स में मिला। दाऊद ने यशश्रीशिन्दे की हत्या करना जुर्म कबूल कर लिया है।
आपको बता दें कि यशश्री शिंदे के पिता ने दाऊद शेख नाम के लड़के पर साल 2019 में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने दाऊद शेख के खिलाफ उस वक्त नाबालिक यशश्री के साथ गलत हरकत करते हुए देखा था चूंकि वह नाबालिक थी। इसलिए पुलिस ने इस मामले में पोक्सो के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने धारा 354, 506, चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट 2012 की धारा 8 और 12 के तहत मामला दर्ज़ किया था। ऐसा बताया जा रहा है कि उस समय पुलिस ने दाऊद को गिरफ्तार किया था और करीब पांच साल तक दाऊद जेल में रहा। जेल से बाहर आने के बाद वह कर्नाटक चला गया था। परिवार का ऐसा आरोप है कि इसके बाद दाऊद फिर से यशश्री के संपर्क में था और पता चला है यशश्री अपनी मौत से पहले दाऊद के संपर्क में थी।
यह भी पता चला है कि दाऊद की लोकेशन उरण में दिख रही थी इसलिए भी आशंका जताई जा रही है कि दाऊद ने कर्नाटक से उरण आने के बाद यशश्री को किसी बहाने अथवा किसी तीसरे युवक की मदद से बुलाया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी और फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए कई टीम तैयार की इनमें से एक टीम कर्नाटक भेजी गई । मंगलवार 30 जुलाई को पुलिस को इस मामले में दाऊद शेख नाम के शख्स को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई है। नवी मुंबई पुलिस ने इस मामले के आरोपी दाऊद शेख को हिरासत में लिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दाऊद को कर्नाटक के गुलबर्गा से पकड़ा गया है।
वहीं यशश्री शिन्दे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पीड़ित लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ था। हत्यारे ने चाकू से कई वार कर उसे मौत के घाट उतारा है। बाद में कुछ कुत्तों ने शव को नोचा है। शरीर के कुछ हिस्से को जानवर खा गए है। यशश्री के चेहरे, शरीर और प्राइवेट पार्ट्स पर गहरे घाव है। बताया जा रहा है कि शव के चेहरे, छाती और गुप्तांगों पर चोटें थीं। परिजनों ने शव की पहचान कपड़े और टैटू से की।
नवी मुंबई के उरण पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र कोते ने कहा कि मृतक यशश्री शिंदे कॉमर्स ग्रेजुएट थी और बेलापुर में एक निजी कंपनी में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम करती थी।
गुरुवार सुबह वह अपने माता-पिता से यह कहकर घर से निकली थी कि वह अपनी सहेली के घर जा रही है। जब वह देर रात तक घर नहीं लौटी तो उसके पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी।रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 में आरोपी दाऊद शेख ने यशश्री शिंदे का शारीरिक शोषण किया था। तब यशश्री नाबालिग थी, इसलिए दाऊद शेख के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। वह कई साल तक जेल में रहा। इसके बाद जब वह जमानत पर बाहर आया तो फिर से यशश्री के करीब आने लगा।इस पूरी घटना को लव जिहाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने लव जिहाद का आरोप लगाते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सोमैया ने उरण जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
नवी मुंबई पुलिस ने इस मामले में दाऊद शेख से पहले कर्नाटक के रहने वाले मोहसिन को हिरासत में लिया था। पुलिस को फोन कॉल डिटेल से पता चला कि मोहसिन लगातार यशश्री के संपर्क में था। पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी के साथ मोहसिन भी शामिल हो सकता है। दाऊद से उसके कनेक्शन की जांच की जा रही है। मोहसिन और दाऊद शेख दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। सवाल फिर वही है कि आखिर हिन्दू बेटियों को जालिम लवजेहादी कब तक अपने जाल में फंसा कर कत्ल कर फेंकते रहेंगे। इन हैवानों में पुलिस अदालत कानून सरकार किसी का भी तनिक भय क्यों नहीं है?
पिछले कुछ महीनों में एक सौ से अधिक लवजेहाद की वारदात सामने आई है जिनमें दरिंदों ने हिन्दू बेटियों के साथ दरिंदगी बर्बरता हैवानियत की तमाम हदें पार की हैं। बता दें कि देश के कई राज्यों की सरकारों ने लवजेहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाया है जिसमें भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है लेकिन चिंता की बात है कि इस के बावजूद लगातार बेटियों के साथ हैवानियत की वारदातों की झड़ी लगी है। जरूरत है कि ऐसे संगीन दिल दहला देने वाले मामलों में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और मामले की सुनवाई फास्ट कोर्ट में की जाए ताकि इन वारदातों को नियंत्रित किया जा सके।
मनोज कुमार अग्रवाल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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