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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

क्या कुर्सी की खातिर सब कुछ गवां दिया जाये  

क्या कुर्सी की खातिर सब कुछ गवां दिया जाये   कुर्सी क्या इतनी महत्वपूर्ण वस्तु बन गयी है कि  उसके पीछे लोग अपना सब कुछ गवां देने पर उतारु हैं ? ये सवाल आपके मन में आये या न आये किन्तु मेरे मन में बार-बार आ -जा रहा है।  कनाडा...
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