कानपुर सिख नरसंहार 1984 की अहम सुनवाई हुई जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस घटना की जांच और कानूनी कार्रवाई को पारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया

जिसमें इस घटना की जांच और कानूनी कार्रवाई को पारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया

कानपुर सिख नरसंहार 1984 की अहम सुनवाई हुई जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस घटना की जांच और कानूनी कार्रवाई को पारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया

स्वतंत्र प्रभात विशेष संवाददाता नई दिल्ली,
 
अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के अध्यक्ष एवं पूर्व सीनियर वाईस प्रेसिडेन्ट दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी, जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल ने प्रेस को दिये बयान में कहा कि आज दिनांक 02.09.2024 को कानपुर सिख नरसंहार 1984 की अहम सुनवाई माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने माननीय जस्टिस सूर्यकांत एवं माननीय जस्टिस उज्जवल भुईयां ने की।
 
जिसमें इस घटना की जांच और कानूनी कार्रवाई को पारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया और अपने पूर्व के आदेश को आगे बढ़ाते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में दायर 4 अपीलों को सुचारू रूप से सुनवाई के लिए अवर महाधिवक्ता की नियुक्ति का निर्देश दिया वहीं चाचिकाकर्ता को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूपी सरकार को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
 
11 मामले जिनमें आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं उन सभी की त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष अभियोजक की नियुक्ति का आश्वासन यूपी सरकार ने दिया है एवं 9 मामले जिनमें क्लोजर रिपोर्ट फाइल हुई है उनमें लोगों का नाम पता भी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराने का आदेश किया है। याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील जगजीत सिंह छाबरा जी, वकील प्रसून कुमार एवं गुरबख्श सिंह ने बताया कि अब इंसाफ की उम्मीद जगी है और विश्वास है कि अब दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा l
 
इस मामले में आज सुनवाई के दौरान अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के सीनियर वाईस प्रेसिडेंन्ट गुरदेव सिंह गुजराल ‘‘भोला’’, जूनियर वाईस प्रेसिडेंन्ट रविन्द्र कौर जी भी मौजूद रहे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी व दिल्ली कमेटी याचिका कर्ता के साथ हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

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