अफसरों की शिथिलता के चलते बाल विकास पुष्टाहार विभाग खुद कुपोषित

अफसरों की शिथिलता के चलते बाल विकास पुष्टाहार विभाग खुद कुपोषित

कछौना, हरदोई बाल विकास पुष्टाहा विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के चलते योजनाओं का लाभ नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे कुपोषण का इजाफा हो रहा है। वही विकासखंड कछौना में काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सेवानिवृत होने के कारण आंगनबाड़ी केन्द्र काफी संख्या में बंद चल रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य नवजात शिशु, गर्भवती महिलाओं का पोषण, किशोरियों का पोषण व जागरूकता है, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते यह विभाग धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। जबकि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के चलते इन केदो को प्री-नर्सरी के तहत संचालित करना है।
 
जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के परिवार स्कूलों में नौनिहालों का प्रवेश कक्षा एक में उम्र 6 वर्ष निर्धारित है।सरकार का मानना है, पूर्व में आंगनबाड़ी केंद्र पर नौनिहाल प्रारंभिक ज्ञान अर्जित करके आ रहे हैं, जबकि हकीकत में आंगनबाड़ी की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। वर्तमान समय में कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में काफी संख्या में आंगनबाड़ी केंद्र पर किराए व जर्जर भवनों में चल रहे हैं। इन जर्जर भवनों में नौनिहालों का जीवन खतरे में है। ग्राम सभा लोन्हारा के ग्राम कुड़री में किराए पर आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है, जो काफी जर्जर भवन है। ऐसा लगता है आंगनबाड़ी केंद्र न होकर जानवर बांधे जाते हैं।
 
ग्राम सभा गौरी खालसा का आंगनबाड़ी केंद्र काफी जर्जर है, पल्ले टूट चुके हैं। भवन में ग्रामीण जानवर बांधते हैं। यह केंद्र सरकारी स्कूल में लगता है, लेकिन यहां आंगनवाड़ी कार्यकत्री कभी नहीं आती हैं। पूरी तरह बाल विकास परियोजना ठप हो गई है। इन केन्द्रो पर कार्यकत्रियों को बैठने के लिए फर्नीचर तक मुहैया नहीं है। नौनिहालों के लिए मूलभूत सुविधाएं खेल कूद सामग्री, टीएलएम, वजन मशीन, शिक्षण सामग्री, पेयजल के लिए शुद्ध पानी, शौचालय आदि सुविधा सही ढंग से उपलब्ध नहीं है। भारी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की कमी, भवनों की कमी, मूलभूत सुविधाओं की कमी, सही मॉनिटरिंग न होने के कारण बाल विकास पुष्टाहार विभाग की जमीनी हकीकत काफी दयनीय है। पूरे मामले को जय हिंद जय भारत मंच ने शासन प्रशासन को अवगत कराया है।

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