मुख्य विकास अधिकारी बलरामपुर का कारनामा हुआ उजागर करवा रहे कर्मियो से खेती
ग्राम पंचायतों में स्वच्छता का है बुरा हाल लगता वर्षो से नही हुई सफाई
ग्राम पंचायत शंकरपुर व रत्न पुर के सफाई कर्मी कर रहे सीडीओ के बंगला की सफाई व खेती
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
जब सरकार के मंशा पर संबंधित विभाग के अधिकारी ही झाड़ू लगा रहे हो तो गांव का विकास कैसे सम्भव होगा जबकि सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में सफाई कर्मियों की तैनाती करते हुए गांव की स्वच्छता और सफाई पर विशेष ध्यान देने का दावा कर रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र का हाल तो इतना खराब है की लगता है यहां पर कोई सफाई कर्मी वर्षो से नहीं आया है इसकी गवाही कई ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा दी गई है और बताया गया है कि यहां पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है और वर्षों से यहां पर कोई सफाई गाव की सफाई करने नही आया है और कुछ गांव में सफाई व्यबस्था की बात पर ग्रामीण बताते हैं कि सफाई कर्मियों के नियुक्ति तो गाव में किया गया लेकिन उसके साथ यह भी कहते हैं कि गांव में सफाई कर्मी काफी समय से नहीं आता है जिसको लेकर जब पड़ताल की जाती है तो यह तस्वीर सामने आती है कि गांव की हालत बदहाल है गाव में गन्दगी व गंदे पानी का जमावड़ा लगा रहता है । वही यह भी देखा जा रहा है कि कुछ सफाई कर्मी मंदिर पर ड्यूटी होने का बहाना बनाते हुए रहते हैं कि हमारी ड्यूटी मंदिर देवीपाटन पर लगी हुई है। कुछ कर्मचारी से बात करने पर पता चलता है की मुख्य विकास खण्ड अधिकारी और विकास खण्ड अधिकारी के यहां ड्यूटी लगाई गई है। जो उनका व्यकितगत सफाई कर्मी बने हुए है । इसकी तस्वीर हम आपको जनपद बलरामपुर के मुख्य विकास अधिकारी के बंगले की दिखाते हैं जहां पर देखा यह जा रहा है की कुछ सफाई कर्मी उनके बंगले पर सफाई करते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कुछ सफाई कर्मी उनके खेतों में काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं जिनमें से कुछ की पहचान तो होती है। उनका कार्य क्षेत्र कहीं और है और वह साहब की चापलूसी कर मौज कर रहे है तस्वीरों में सांफ़ देखा जा रहा है कि शंकरपुर ग्राम पंचायत और रतनपुर ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी मुख्य विकास अधिकारी के बंगले पर काम कर रहे हैं ।इसी प्रकार से विकासखंड अधिकारी तुलसीपुर के यहां भी कुछ सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगी हुई है जो उनका सब निजी काम करते हैं और तनख्वाह सरकारी उठाते हैं। जिससे यह बात साफ हो जाती है की सरकार की जो मनसा है कि ग्राम पंचायत का विकास हो और गांव में स्वक्षता अभियान के तहत सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो लेकिन ऐसा नही हो रहा । वही सवाल यह उठता है कि जब विभागीय जिम्मेदारों का यह हाल है कि सरकारी कर्मियों से अपना निजी कार्य करवाते है तो फिर सरकार की मनसा की पूर्ति कैसे होगी । जिसके कारण गांव की जिंदगी नर्क से भी बदहाल देखने में मिल रहा है। वही सफाई व्यबस्था का बुरा हाल है । वही सफाई कर्मियों की साहब के चापलूसी से मौज ही मौज है ।जिसके कारण सरकारी दावे फेल दिखाई दे रहे है और स्वक्ष भारत मिशन अभियान गावो में फेल साबित हो रहा।
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