डीएम की सख्ती के बावजूद नदियों में जारी बेधड़क अवैध खनन।
मरौली खंड 5, बरियारी, खप्टीहा आदि खदानों में हो रही ओवरलोडिंग।
On
अवैध खनन से दूषित पर्यावरण, जलसंकट व अन्य समस्याओं की दस्तक।
बांदा - जनपद में संचालित आधा दर्जन से अधिक खदानों में अधिकारियों की लापरवाही से जमकर ओवरलोडिंग व नियमों के विपरीत खनन जारी है। खनन कारोबारी कानपुर निवासी संजीव गुप्ता के रसूख का आलम यह है कि एनजीटी, खनिज व अन्य नियमों के उलंघन दबंगई की खबरें सुर्खियों में लगातार बनी है। बीते दिन जिलाधिकारी द्वारा की गई सख्ती को देखते हुए संयुक्त टीम ने अवैध खनन जांच करने की योजना तैयार की लेकिन छापेमारी से पहले ही मरौली खंड 5 के संचालकों को इसकी भनक लग गई और एक दर्जन हैवीवेट मशीनरी को गरीब किसानों की तैयार खड़ी फसलों से रौंदते हुए गायब कर दी गई।
बेचारे किसान संजीव गुप्ता के गुर्गों के आतंक से भयभीत होकर विरोध करने से भी बचते नजर आए नाम ना उजागर करने की बात कहते हुए क्षेत्रीय जनों ने बताया कि खनन माफिया के साथ कानपुर के बड़े कद्दावर सत्ता धारी नेता व प्रशासनिक अधिकारियों की सांठगांठ है जिससे उनके नरैनी तहसील में बरियारी खदान व मरौली खंड 5 कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पूर्व में जो कार्यवाही संयुक्त टीम द्वारा की गई हैं वह पिछले साल व वर्तमान में करोड़ों रुपए राजस्व लूट को बैलेंस करने की चाल।
क्योंकि मरौली व बरियारी खदान से प्रतिदिन लगभग तीन से चार सैकड़ा ओवरलोड ट्रक बड़ी बड़ी पोकलैंड मशीनरी से 900 से 1000 रूपए बाकेट में भरकर बिक्री लगातार की जा रही है जिससे दोनों खदानों से प्रतिदिन दस से पंद्रह लाख रुपए बचत का लाभ उठा रहे हैं। इसलिए पांच साल के लिए आवंटित खनिज की मात्रा कुछ माह में समाप्त कर खदानों में बालू ना होने का बहाना बनाकर पांच साल में लगने वाले सरकारी राजस्व का चूना लगा रहे हैं। ऐसे ही देखा देखी मड़ौली खदान के पट्टाधारक व संचालक ने भी एक दर्जन से हैवीवेट मशीनरी नदी की जलधारा में उतार कर तय मानक से कई गुना अधिक बालू ट्रकों में भरकर बिक्री जारी कर रखी हैं।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारी एनजीटी, खनिज व अन्य नियमों के साथ ही जिलाधिकारी व प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन कराने में रूचि नहीं लेते दिखाई दे रहे हैं। जिससे उनकी इस कार्यशैली से उनकी भूमिका संदिग्ध लग रही है। कहीं इस लूट तंत्र अवैध खनन व ओवरलोडिंग में मौन स्वीकृति से धनार्जन का लाभ तो नहीं हो रहा है। जिससे खप्टीहा, बरियारी, मरौली खंड 5 व अन्य खदानों में बेधड़क नदियों में नियमों के इतर भारी भरकम प्रतिबंधित मशीनरी का प्रयोग के दुष्प्राभाव से दूषित पर्यावरण व भयंकर जलसंकट की सौगात जनपदवासियों को उपहार स्वरूप मिलने वाली है।
वहीं खनिज पदार्थों की उपलब्धता भी समाप्त होने का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। आने वाले समय में प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष मिलने वाले राजस्व के श्रोत को समाप्त कर दिया जाय। वहीं दूसरी ओर माफियाओं, नेताओं व प्रशासनिक अफसरों की मिलीभगत नदियों का अस्तित्व व पर्यावरण को दूषित कर एकबार फिर से पूर्व वर्ती सरकारों में बुंदेलखंड में खनिज संपदा लूट का हजारों करोड़ रुपए का रिकॉर्ड बनाकर इनकी तिजोरियां में बंद हो जाएं। आमजन बूंद बूंद पानी के लिए तरसता हुआ जहरीले वातावरण में जीने को मजबूर हो जाएं। कहीं ऐसा ना हो कि भाजपा सरकार व ईमानदार मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल कर सरकार विरोधी प्रदर्शन व माहौल तैयार ना हो जाएं। क्योंकि नदियों से जहां पेयजल आपूर्ति के साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए निर्भर रहना पड़ता है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
तेलंगाना राजपत्रित अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद रफी ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
13 Nov 2024 16:38:21
गोवर्धन उपाध्याय की रिपोर्ट राजपत्रित अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद रफी ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई...
अंतर्राष्ट्रीय
इस्लामिक देशों की बैठक के बीच सऊदी के विदश मंत्री अचानक भारत पहुंचे, जयशंकर ने बुलाया
13 Nov 2024 17:56:26
International Desk सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद भारत की धरती पर उतर चुके हैं।...
Comment List