mansik swadhinta
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

स्वतंत्र भारत में मानसिक स्वाधीनता भी अत्यंत आवश्यक? 

स्वतंत्र भारत में मानसिक स्वाधीनता भी अत्यंत आवश्यक?  "पराधीन सपने हूं सुख नाही"यह लोकोक्ति हर स्वाभिमानी आदमी और स्वतंत्रता प्रेमी व्यक्ति को याद रहती है। स्वावलंबन या आत्मनिर्भरता ही मनुष्य को स्वाधीन बनाने की प्रेरणा देती है। आत्मनिर्भरता की स्थिति में व्यक्ति अपनी इच्छाओं को अपनी सुविधा अनुसार...
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