पिकेट पर तैनात सिपाही शिखर पाण्डेय बैफिकर करता है रिश्वतखोरी
कप्तान साहेब ले मामले का संज्ञान तो होंगे और भी चौंकाने वाले खुलासे
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स्वतंत्र प्रभात-
लखीमपुर खीरी जहां एक तरफ जिले के तेजतर्रार कप्तान गणेश प्रसाद साह जी और एडिशनल एसपी नेपाल सिंह जी अपने भरसक प्रयासों से जिले में अपराध को कम करने के लिए हर संभव से संभव प्रयास करते देखे जा रहे हैं ऐसा ही नहीं कि प्रयासों में सफलता ना मिली हो पुलिस अधीक्षक साहब के प्रयासों से शहर को जाम के झाम से तो निजात मिली ही हैं बाकी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में भी पहले से काफी हद तक सुधार आया है और जिले में अपराध रोकने में पुलिस भी काफी हद तक कामयाब रही है। और जिले की जनता को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए कप्तान साहब व एडिशनल साहब अपने ऑफिस में बैठकर फरियादियों की फरियाद सुनते हैं और उचित कार्यवाही करते हैं
जिससे कि जनता का पुलिस पर भरोसा बना रहे। वही चंद पुलिसकर्मी कप्तान साहब की छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खीरी की चर्चित पुलिस पिकेट (पुलिस सहायता केंद्र शंकरपुर) लोगो मे चर्चा का विषय वा अपनी रिश्वतखोरी के चलते सुर्खियों में बना है। पिकेट पर तैनात सिपाही शिखर पांडे द्वारा लखीमपुर खीरी से गए युवकों की गाड़ी चालान करने के लिए शाम लगभग 05 बजे से जबरदस्ती पिकेट पर बैठा लेना और रात 8:00 बजे लखीमपुर से गए युवकों के मित्र द्वारा ₹8000 मिल जाने के बाद युवको को छोड़ देना क्षेत्र में व महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताते चलें मामला दिनांक 23, 04,23 का है। जहा लखीमपुर से टहलने गए सागर गुप्ता वा उनके मित्र को पिकेट पर तैनात सिपाही शिखर पाण्डेय वा उनके हमराही सिपाही द्वारा गाड़ी चेकिंग कागज चेक कराने की बात कहकर पिकेट पर ले जाया जाता है।
फिर वहां से शुरू होता है। रिश्वतखोर सिपाही शिखर पांडे का दबाव बनाने व पैसा कमाने का खेल सिपाही द्वारा सागर गुप्ता के साथ गए युवक को मादक पदार्थ के तहत जेल भेजने की धमकी दी जाती है। और शिखर पांडे के हमराही सिपाही द्वारा कहा जाता है कि तुम मुझे नहीं जानते हो मैं पहले क्राइम ब्रांच में था मैं रस्सी का सांप बहुत जल्दी बनाता हूं तुम्हारी खैरियत इसी में है पैसा मंगवा लो नहीं तो तुम्हारी जमानत नहीं होगी चुनाव चल रहा है। आचार संहिता लगी हुई है अगर अपनी भलाई चाहते हो तो ₹10000 मंगवा लो वरना जेल जाने के लिए तैयार हो जाओ उक्त युवकों द्वारा घबराकर सिपाही शिखर पांडे की बात मानने के अलावा कोई और रास्ता नजर नहीं आता तब उक्त युवकों द्वारा अपने परिचित मित्र प्रणव श्रीवास्तव को फोन कर ₹10000 उक्त युवक मांगते हैं
प्रणव श्रीवास्तव से रुपए की इतनी अर्जेंट जरूरत पूछे जाने पर उक्त युवक अपने ऊपर हुई आपबीती घटना के बारे में बताते हैं। और किसी भी हाल में पैसे का बंदोबस्त कर शंकरपुर पिकेट आने के लिए गुजारिश करते हैं। तब आनन-फानन में प्रणव श्रीवास्तव द्वारा अपने डीजे की साइट के काम के पेमेंट से पैसे निकालकर युवकों द्वारा बताई गई पुलिस पिकेट पर अपने पत्रकार मित्र के साथ जाया जाता है। जहां पर सिपाही शिखर पांडे द्वारा उक्त दोनों युवकों को जबरदस्ती बैठा कर रखा गया था। जाते ही सागर गुप्ता द्वारा प्रणव श्रीवास्तव से पैसे मांगे गए और पैसे मांग कर उसमें से ₹8000 गिन कर शिखर पांडे को प्रणव श्रीवास्तव के द्वारा दिए गए जिसमें की उक्त सिपाही द्वारा बताया गया इतने कम पैसों में दरोगा जी नहीं मानेंगे कम से कम ₹10000 दो काफी मिन्नत करने के बाद सिपाही पांडे द्वारा ₹8000 लेकर दोनों युवकों को छोड़ दिया गया।
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