सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर डॉक्टर सुमतं सिंह चौहान द्वारा बार बार प्रताड़ित किए जाने तथा अवैध वसूली को लेकर पत्रकार साबिर अली को मोहरा बना कर पिटवाया
सूत्रों की माने तो 21/7/24 को भी जांच करने गए थे अधीक्षक सुमन्त सिंह का वायरल हो रहा फुटेज
अवैध लेनदेन का ऑनलाइन स्क्रीनशॉट हुआ वायरल जिसमे खाते में रिश्वत के पैसे के लेने की हो रही पुष्ठि
वायरल विडियो में सुमन्त सिंह का कहना कि जांच करने गए फिर अकेले जाने का मकसद क्या
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर चाहे जितना प्रयास कर ले लेकिन विभागों से भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार भ्रष्टाचार की खबरें वायरल हो रही है। वही सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने साकार होने के लिए जो दावे किया जा रहा हैं वह कहां तक सही है और कितना सही।जबकि इससे पहले भी श्रीदत्त गंज में भी ऐसी घटना होने की खबर वायरल हुई थी जिसमे बाबू के द्वारा 20 हजार के रिश्वत लेने और साहब को देने की खबर वायरल हो चुकी है जिसमे बाबू पर कार्यवाही कर उसको अन्य स्थान ट्रांसफर कर विवाद को दबा दिया गया लेकिन सवाल यह है कि ऐसे मामलों में मुख्य भूमिका किसकी है और किसके इशारे पर ऐसे कार्य होते है जिसकी अगर जांच हो तो तमाम ऐसे चेहरे सामने होंगे जो पर्दे के पीछे छुपे है । बात करते हैं जिले के ऐसे विभाग की जिसे धरती के भगवान के रूप में देखा जाता है जी हां हम स्वास्थ विभाग की बात कर रहे हैं जहां रिश्वत का ऐसा बोलबाला है कि अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक इसमें बुरी तरह फंसे हुए हैं और जांच और कार्रवाई के नाम पर लगातार रिश्वत ली जा रही है।
ऐसा एक मामला जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर सुमन सिंह चौहान का वायरल हो रहा है। जिसमें यह आरोप लगाया जा रहा है कि जांच और कार्यवाही के नाम पर अक्सर अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है। जिसके चलते कल एक पत्रकार से भी मारपीट होने की घटना होने की बात सामने आरही है । जबकि सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर आलोक सिंह चौहान लखनऊ पॉलीक्लिनिक पर सुमन सिंह चौहान अकेले पहुंचते हैं और उसके बाद बाता कहानी होने के बाद अपने चाहते पत्रकार साबिर अली को फोन कर बुलाते हैं और उनके आने के बाद यहां पर अस्पताल कर्मचारियों और पत्रकार किसी बात में विवाद होता है और विवाद इतना बढ़ जाता है की मारपीट तक की नौबत आ जाती है। जिसको लेकर एक तरफ पत्रकार संगठन लाम बंद हो रहा है तो वही दूसरी तरफ डॉक्टर आलोक के परिजन के द्वारा तुलसीपुर थाना में कार्रवाई को लेकर शिकायत की गई है आप देखना यह होगा की पत्रकार और डॉक्टर विवाद में प्रशासन क्या भूमिका निभाता है और क्या कार्यवाई करता है। वही अगर वायरल सीसीटीवी फुटेज की बात की जाय तो 21/7/24 को भी डा सुमन्त सिंह चौहान लखनऊ क्लिनिक पर गए थे और फुटेज में साफ दिख रहा है कि आलोक की बहन बाहर निकल कर उनका आशीर्वाद लेरही फिर कौन सी जांच करने गए थे और अगर सुमन्त सिंह की माने तो एक पहने पहले जब आपने जांच की फिर बीते कल कौन सी जांच को गए थे य यह माना जाय कि जो आरोप आलोक के परिजन ने लगाया वह सच है ।
ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर के अधीक्षक डॉक्टर सुमतं सिंह चौहान आज दिनांक 26, 8 ,2024 को दिन में 2:00 बजे मेरे लड़के की दवा खाने लखनऊ पाली क्लीनिक हरैया तिराहा पर आये और अस्पताल में हमारे सारे कागजात को चेक करने के साथ अवैध धन की मांग करते हुए कहा कि पैसे तत्काल दे दो।जब प्रार्थी ने पैसा देने में असमर्थता जताया तो डॉक्टर सुमन्त सिंह ने कहा कि हम पत्रकारों को बुलाकर तुम्हारे क्लिनिक को सीज की कार्रवाई कर इसको समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाने की बात कर बेज्जत करने लगे और बात करते हुए अपने चहेते पत्रकार साबिर अली को फोन करके बुलाया । फिर प्रार्थी से पत्रकार की कहासुनी हो गई जिसमे यह बताया जा रहा कि दोनों पक्ष में मारपीट तक की नौबत आ गई जिसको लेकर पत्रकार उत्पीडन को लेकर तमाम पत्रकार भी लामबंद हो कर कार्यवाही करवाने को लेकर तुलसीपुर डॉ आलोक क्लिनिक पर एकत्र हुए और उसके बाद थाना तुलसीपुर पहुच शिकायत पत्र दिया गया और पत्रकार उत्पीड़न पर कार्यवाही करने की मांग की गई वही इस मामले में लखनऊ क्लिनिक हरैया तिराहा के ड़ा आलोक परिवार ने भी अधीक्षक तुलसीपुर डा सुमन्त सिंह चौहान व पत्रकार साबिर अली पर कार्यवाही को लेकर शिकायत पत्र दिया गया जिसमें ऑफ लाइन व ऑनलाइन रिश्वत देने के साक्ष्य को भी संलग्नक किया गया और यह भी बताया जा रहा कि जांच के नाम पर डॉ सुमन्त सिंह के द्वारा हमेशा हमे प्रताणित किया जाता रहा है और सुविधा शुल्क देने की मांग की जाती रही है लेकिन आज जब पैसा मांगने पर पैसा नही मिला तो साबिर अली को फोन कर बुलाया गया जंहा पत्रकार संग विवाद हुआ जबकि यह बैठे देखते रहे और बीच बचाव भी नही करवाया ।जिसको लेकर अब तक यह जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है कि किसी पक्ष का अभी एफआईआर नही लिखा गया है ।
वही दूसरे पक्ष की बात करे तो उनके द्वारा शिकायत पत्र में यह जानकारी मिल रही है कि पत्रकार द्वारा मां बहन की गाली गलौज देने के साथ मारपीट पर उतारू हो गए जिसकी सूचना थाना तुलसीपुर को दी गई और मामला थाने पर जा पहुंचा तो मैंने भी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर शिकायत पत्र थाना तुलसीपुर को दिया। प्रार्थना पत्र देने के बाद डॉक्टर सुमंत सिंह चौहान ने लगभग 20 अन्य पत्रकारों को मेरे क्लीनिक पर भेजा जो मारपीट पर उतारू हो गए इसके साथ मेरे खिलाफ डॉक्टर सुमन सिंह चौहान ने बयान देना प्रारंभ कर दिया कि सारा दोष इन्ही का है।जबकि पूर्व में भी मेरे अस्पताल पर तमाम बार अधीक्षक सुमन्त सिंह के द्वारा चेक करने और जांच व करवाई करने तथा अस्पताल बंद करवाने के नाम पर तमाम ऑफ व ऑनलाइन पैसा ले चुके हैं। तथा लगभग ₹500000 नगद अवैध वसूली कर मेरे अस्पताल से पैसा लेते थे और पैसा अपने कर्मचारियों के द्वारा भी नयन नाम के लड़के से मंगवाते थे और ऑनलाइन अपने खाते में स्वयं सुमन सिंह चौहान भी लेते थे। आज भी इसी अवैध वसूली के उद्देश्य से वह मेरे अस्पताल आए थे जिसमे मुझे ब्लैकमेल कर पैसा मांगा जा रहा था लेकिन मेरे पास पैसा नहीं था तो मारपीट पर उतारू होकर दवाखाना बंद करवाने की धमकी दे चुके हैं की जानकारी आलोक सिंह परिवार के द्वारा दी गई है।
वही दबंग व शातिर डॉक्टर सुमन सिंह चौहान के अवैध वसूली से निजात दिलाने व कार्यवाही करने की मांग की गई है ।वही अगर नियमो की बात की जाय तो किसी भी अस्पताल य नर्सिंग होम की अगर जांच य कार्यवाही करनी है तो जिला स्वास्थ अधिकारी व गठित टीम के मौजूदगी के जांच का प्रावधान होता है फिर डा सुमन्त सिंह के द्वारा अकेले आखिर कौन सा जांच करने गए थे जिसके बाद यह विवाद हुआ जिसमें पत्रकार साबिर अली से मार पीट की नौबत आ गई जबकि सूत्रों की माने तो सुमन्त सिंह के य खास पत्रकारों में से थे लेकिन जब विवाद हुआ तो उनको छुड़ाने तक नही आये ।
जिसको लेकर जब जिला स्वास्थ अधिकारी से बात की जाती है और उनका पक्ष जाना जानने को लेकर बताया जाता है कि आपको एक सूचना भेजी गई जिसमें ऑनलाइन रिश्वत लेने का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा जिसमे सुमन्त सिंह के नम्बर पर पैसे की ऑनलाइन लेनदेन हुई है तब जिला अस्पताल के ईमानदार अधिकारी कहे जाने वाले जिला स्वास्थ अधिकारी द्वारा खबर को लेकर पक्ष लेने वाले पत्रकार से यह कहते दिखे कि आप लिखित शिकायत दे तब बात की जायेगी यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या सूचना देने वाले पत्रकार को शिकायत कर्ता बन स्वयं पार्टी बनना होगा । और किस नियम के अंतर्गत सूचना देने वाले पत्रकार को पार्टी बनना पड़े गा ।जबकि इस समय जिले में भी जिला स्वास्थ अधिकारी और अधिनस्त अधिकारीयो में विवाद की जानकारी मिल रही है ।
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