नटवरलाल सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर पर अब तक स्वास्थ विभाग की कोई कार्रवाई क्यों नहीं, जब जांच समिति ने रिपोर्ट भी दे दी
आशा प्रकरण पर सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान के द्वारा फर्जी स्टाम्प खरीद समझौता पत्र बनाकर शासन को भृमित करने का किया गया साजिश
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फर्जी स्टांप के गलत प्रयोग को लेकर आशा सावित्री ने की उच्च अधिकारियों को शिकायत कर लगाया न्याय की गोहार
मसूद अनवर
बलरामपुर जहां एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के तमाम प्रयास किया जा रहा हैं और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश होने का दावा शासन स्तर पर किया जा रहा है तो वही तस्वीर बताती हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त के दावे कितने सही व सटीक है।जंहा भ्र्ष्टाचार अपने चरम पर है और दावे पर प्रश्नचिन्ह लगता दिखाई दे रहा है। जिसमे एक पीड़ित आशा से बिना किसी अनुमति व उसके हस्ताक्षर के दूसरा पक्ष जो सीएचसी तुलसीपुर के अधीक्षक पद पर तैनात है और अपनी तानाशाही के लिए प्रसिद्ध है ।
आशा सावित्री विवाद में बिना आशा के जानकारी चुपके से उसके नाम से 2 फर्जी स्टांप खरीदता है और हुए आशा विवाद पर आशा के द्वारा माफीनामा का फर्जी दस्तेवज बना कूटरचित ढंग से उच्च अधिकारियों को इस प्रकरण में सन्तुष्ट करने का खेल खेलता है और उच्च अधिकारियों को भ्रमित करने का स्वांग रचता और झूठा समझौता पत्र दे कर आशा विवाद को रफादफा करने की साजिश करता है। जबकि इसकी सच्चाई जानने को लेकर जब पत्रकार टीम ने खबर संकलन को लेकर आशा सावित्री से सच जानना चाहा कि सुमन्त सिंह और आपके समझौता की जानकारी मिल रही वह क्या सच है। जिसपर आशा सावित्री ने बताया कि इस मामले में मेरा कोई समझौता सुमन्त सिंह से नही हुआ है और न ही मेरी अनुमति से और मेरे हस्ताक्षर से स्टांप खरीदा गया है।
पूरा मामला सुमन्त सिंह चौहान व आशा सावित्री से जुड़ा हुआ है जिसमें आशा सावित्री और सुमन्त सिंह चौहान के बीच हुए पूर्व विवाद को लेकर है जिसमे आशा ने आरोप लगाया है और उसको लेकर स्थानीय अधिकारियों के साथ अन्य उच्च अधिकारियों तक शिकायत की गई है जिसमें डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान अधीक्षक तुलसीपुर के ऊपर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और आशा से अश्लील हरकत के साथ निजी दवा बिक्री के तमाम आरोप लगाए गए थे जिसको लेकर जिले के जांच टीम के द्वारा पूरे प्रकार की जांच 3 सदस्यीय एक समिति बनाकर की गई है और जांच रिपोर्ट भी सीएमओ बलरामपुर को सौंप दी गई है।
लेकिन उस प्रकरण पर अब तक विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है और लगातार उसे बचाने का खेल किया जा रहा है जिससे प्रार्थी काफी आहत है । जिसको लेकर पीड़ित प्रार्थी ने जिले के उच्च अधिकारियों के साथ केंद्र व राज्य सरकार के तमाम विभागीय अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया है और न्याय के गुहार लगाई है । इसके साथ ही चौंकाने वाला मामला उसे समय प्रकाश में आया जब यह पता चला कि तहसील तुलसीपुर से फर्जी स्टाफ की खरीदारी सुमन्त सिंह चौहान के द्वारा अज्ञात से करवाया गया है जो कि खुला नटवरलाल जैसा कृत्य है।
इसमें एक स्टाफ ऑनलाइन 21 अगस्त और दूसरा ऑफलाइन 23 अगस्त को फर्जी तरीके से खरीदने की जानकारी मिल रही है। तो वही यह भी जानकारी मिल रही है कि उस स्टांप का प्रयोग शासन प्रशासन और उच्च अधिकारियों को भ्रमित करके अपने पक्ष में रिपोर्ट लगवाने और कथित समझौता करवाने की बात लिखी गई है जबकि इस संबंध में जब आशा सावित्री से जानकारी ली जाती है उसका साफ कहना है कि हमने ऐसा कोई समझौता कार्य नहीं किया है और हमारी लड़ाई न्याय मिलने तक जारी रहेगी।
इसके लिए हमने सभी पटल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाया है । फर्जी स्टाम्प मामले पर उसने बताते हुए कहा कि मेरे नाम से फर्जी तौर पर बिना मेरी अनुमति और मेरे हस्ताक्षर के तुलसीपुर तहसील से एक स्टांप वेंडर मोहसिन के यहां से खरीदारी की गई है इसका प्रयोग गलत कार्यों में किया गया है इसके साथ ही उसने यह भी बताया कि मेरे और मेरे परिवार के ऊपर इस विवाद के पटाक्षेप को लेकर तमाम तरह का प्रयास किया गया और अपने पद और रुतबे के साथ राजनीतिक संरक्षण के फलस्वरूप दबाव बनाने की कवायत किया गया।
और जब सारे प्रयास विफल साबित हो गए तो सुमन्त सिंह चौहान ने नटवरलाल जैसा खेल कर दिया और फर्जी दस्तेवज बना शासन प्रशासन को सन्तुष्ट कर अपने पक्ष में करने का खेल अंजाम दिया और अपने पक्ष में माफी नाम लिखकर विभाग के उच्च अधिकारियों को भ्रमित करने का काम किया है । अगर बात करें फर्जी बाड़े की तो ऐसे ही तमाम भ्र्ष्टाचार होने की पुष्टि होती है जिसमें सुमन सिंह चौहान के होने की बात सामने आ रही है क्योंकि जब राजस्व अभिलेख स्टाम्प की कूटरचित ढंग से फर्जी खरीददारी हो सकती है तो तमाम ऐसे काम भी हो सकते हैं । जिनका आरोप आशा द्वारा लगाया गया है । अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस विषय मे सुमन्त सिंह चौहान के कृत्य पर आखिर क्या कार्यवाही करता है और आशा सावित्री को न्याय कब मिलता है ।
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