सिलापथार रास महोत्सवब का  स्वर्ण जयंती समारोह पांच दिवशीय कार्यक्रम के साथ युद्धकालीन प्रस्तुति जारी

असम आधारित 'कंसालय' नामक नाटक प्रतियोगिता का आयोजन। 40 गाओ के 600 सौ से अधिक युवतियों ने कर रही गोपी नृत्य का अभ्यास।

सिलापथार रास महोत्सवब का  स्वर्ण जयंती समारोह पांच दिवशीय कार्यक्रम के साथ युद्धकालीन प्रस्तुति जारी

असम धेमाजी जिला से संजय नाथ की खास रिपोर्ट- 9 नवंबर। अब शरद ऋतु है । दापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने बृन्दावन में शरद ऋतु की पूर्णिमा की रात गोपियों के साथ भक्ति भाव में रास रचाया था। इस परंपरा को सनातन हिंदू धर्म के बेष्णव शाखा के साथ भक्तों ने पालन करते हुए आ रही है।
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राज्य के भिन्न प्रान्त के साथ सिलापथार माजगांव राश मंदिर के राश महा उत्सव ने इसबार स्वर्ण जयंती बर्ष में पदार्पण किया है । राश मंच में राश नृत्य रिहास के लिए आस पास के 40 गांव की युवतियों ने एक कर रही है राश नृत्य का अभ्यास। आयुजक समिति ने कमर कस कर लगी है तैयारी में। अगले  13 नवंबर से 17 नवंबर तक मनाई जाएगी रास उत्सव के लिए सुंदर स्थायी मुख्य प्रबेश द्वार का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।

IMG_20241109_144606इसमें 'असम आधारित कंसालय' नाटक प्रतियोगिता और आकर्षक पुरस्कारों वाली विभिन्न प्रतियोगिताएं रेहेगी। रास महोत्सव की स्वर्ण जयंती समिति के पदाधिकारियों ने मीडिया को दिए जानकारी अनुसार के राश  उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा शर्मा और कई मंत्री, सांसद और विधायक शामिल होंगे।


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