एवरेस्ट बेस कैंप पर लहराया तिरंगा, बढ़ाया जिले का मान
शाहगंज,जौनपुर।
संवाददाता मोo आसिफ
स्थानीय तहसील के शेषपुर निवासी पूर्व प्रधान सियाराम चौरसिया के पुत्र रवि नाग ने नेपाल स्थित एवरेस्ट बेस कैंप पर तिरंगा फहराया, 28 अक्टूबर को रवि नाग और प्रदेश के ही बागपत निवासी कपिल पंवार ने काठमांडू से एवरेस्ट बेस कैंप की यात्रा प्रारंभ की। गाड़ी से डेढ़ दिन की यात्रा के बाद दोनों पैयां गांव पहुंचे। जहां से पैदल ट्रैक की शुरुआत होती है। दोनों ने इस 100 किमी ट्रैक को सात दिन में पूरा किया, जबकि सामान्यतः लोग इस ट्रैक को पूरा करने में 12 से 15 दिन लगाते हैं।
रवि के अनुसार हम रोज 15 से 20 किमी पैदल चलते थे, चूंकि ये ट्रैक सबसे कठिन यात्राओं में से एक माना जाता है और एक तरह से इसको यात्राओं का चारधाम माना जाता है। एवरेस्ट बेस कैंप की ऊंचाई 5364 मीटर है, यहीं पर स्थित काला पत्थर की ऊंचाई 5500 मीटर है जहां से एवरेस्ट पर्वत स्पष्ट दिखाई देता है। भारतीयों में इस यात्रा को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिलता, इसका एक कारण इस यात्रा की जटिलता और थकावट भी हो सकती है।
नेपाल के रास्ते अभी भी तक उतने अच्छे नहीं है जिससे ज्यादातर पर्यटक यहां जाने से भी बचते हैं। विदेशी पर्यटकों की संख्या यहां हजारों में है। इनमें ज्यादातर काठमांडू से लुक्ला की फ्लाइट से आते हैं क्योंकि इसके बीच जमीनी रास्ता बहुत खराब और आवागमन के साधन भी कम हैं। दोनों ने इस यात्रा को पंकज मेहता की कंपनी टेप लाइफ के माध्यम से की।
बकौल रवि हमारी इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं को यात्राओं के प्रति जागरूक और उत्साहित करना है। यात्राओं से काफी कुछ सीखने को मिलता है। साथ ही व्यक्तित्व का विकास भी होता है। भाषाओं और संस्कृतियों का मिलाप भी होता है। रवि और कपिल के अनुसार नेपाल की उस ऊंचाई पर देश के तिरंगे को फहराना उनके लिए गर्व की बात है।
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