गन्ना माफियाओं के कारण किसानों को गन्ना बेचने में हो रही परेशानी

गन्ना माफियाओं के कारण किसानों को गन्ना बेचने में हो रही परेशानी

अंबेडकरनगर ।। किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकांश किसानों के अभी तक गन्ना पर्चियों नहीं भेजी गई है, जिसके लिए किसान अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। गन्ना माफियाओं ने गन्ना सचिव से साठगांठ कर पर्चियां वितरित की गई है। मात्र कुछ ही गांवों के अलावा अभी तक गन्ना कलेंडर भी वितरित नहीं

अंबेडकरनगर ।।

किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकांश किसानों के अभी तक गन्ना पर्चियों नहीं भेजी गई है, जिसके लिए किसान अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। गन्ना माफियाओं ने गन्ना सचिव से साठगांठ कर पर्चियां वितरित की गई है। मात्र कुछ ही गांवों के अलावा अभी तक गन्ना कलेंडर भी वितरित नहीं किया गया। किसान सवेरे सात बजे से गन्ना समिति कार्यालय में आकर लाइनों मे लग जाते है लेकिन दोपहर 12 बजे तक भी कोई अधिकारी गन्ना सचिव या गन्ना अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे। कम्प्यूटर खराब पड़े है, लेकिन कोई

कर्मचारी अपने कार्यालय में आने को तैयार नहीं है। अगर किसान पूछताछ करते है तो अधिकारी किसानों से अभद्रता पर उतारू हो जाते है। जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जल्द ही किसानों की समस्या समाधान नहीं किया गया तो किसानों सड़क जाम करेंगे।


महिला किसान भी घंटों लाइन में लगी रही


गन्ना समिति पर पूछताछ के लिए लगी लाइन में महिला किसान भी घंटों खड़ी रही। एक महिला किसान का कहना कि उनके परिवार मे कोई समिति पर आने लायक पुरूष नहीं है। इस लिए उन्हे अपने गन्ना सट्टा संशोधन के लिए खुद समिति के चक्कर काटने पड़ रहे है। महिला किसान का आरोप है वह कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहे लेकिन समिति कोई अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है।


गन्ना सचिव के खिलाफ किसानों में गुस्सा


गन्ना समिति अकबरपुर में अपने गन्ना संशोधन के लिए पहुंचे सैंकड़ों किसानों कहना है वे कई दिनों से जिला गन्ना अधिकारी अकबरपुर के कार्यालय पर अपनी समस्या का समाधान कराने आ रहे, लेकिन जिला गन्ना अधिकारी अपने कार्यालय पर मिल रहे है। ना ही मोबाइल फोन उठा रहे है। किसानों इन दिनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा ऐसे जिले सबसे बड़े गन्ना अधिकारी का अपना कार्यालय पर न मिलना किसानों की समस्या और बढ़ा रहा है।


अगर किसानों की समस्याओं का निदान गन्ना समित द्वारा नहीं किया गया तो अधिकांश गन्ने खेत में खड़े-खड़े सूख जाएंगे या तो वह गन्ना माफियाओं के द्वारा कम मूल्य पर बेचने के लिए विवश हो जाएंगे।

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