sanjivni
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Read More... संजीवनी।
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By Swatantra Prabhat Desk
बंधन का इरादा है वफा का गांव चाहिए। बला की धूप है सर पर घनेरी छांव चाहिए, थके मुसाफिर को सुकून का गांव चाहिए। दुआएं निकली है दिल से तो पूरी होंगी, बंधन का इरादा है वफा का गांव चाहिए।...
Read More... संजीव-नी| देख कर भी नही देख पाया ।
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By Office Desk Lucknow
देख कर भी नही देख पाया ।फिर उस बात का जिक्लौटकर भुला नहीं पायाउस पल की याद है उसेजिया नहीं जिसे कभी,भोगा भी नहीं,जीने की जरूर कोशिश कीगहरे नहीं पैठ पाया,फिर भूल...
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