bitter attack
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नी।। 

संजीव-नी।।  मुझ पर फेके गए पत्थर अपार मिलेl     मुझ पर फेके गए पत्थर अपार मिले, फक्तियाँ,ताने सैकड़ों बन गले का हार मिले।     शौक रखता हूं भीड़ में चलने का मित्रो, कही ठोकरे,तो कही जीत के पुष्प हार मिले।     जीवन बिता यूँ...
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