दो कर्मचारियों के भरोसे है 27 गांवों की बिजली व्यवस्था

-फाल्ट खोजने में लगते हैं घंटों

दो कर्मचारियों के भरोसे है 27 गांवों की बिजली व्यवस्था

रूद्रपुर, देवरिया। रुद्रपुर के दोआबा क्षेत्र में बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। यूं तो सरकारी फरमान है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए किंतु लोकल फाल्ट के चलते 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। जिससे कछार वासी गर्मी से परेशान है व बिजली विभाग के प्रति आक्रोशित हैं। विदित हो कि दोआबा के 52 गांव की बिजली व्यवस्था पचरूखा में स्थित सब स्टेशन के भरोसे चलती है। सब स्टेशन के साउथ फीडर में 27 गांव जुड़े हैं जिसमें लगभग एक दर्जन गांव राप्ती नदी के किनारे जबकि बाकी गांव गोर्रा नदी के किनारे स्थित हैं।
 
27 गांव की बिजली व्यवस्था महज दो संविदा कर्मचारियों के जिम्मे है। जिनमें से एक संविदा कर्मचारी दिनेश की झलक लोगों को कम ही मिलती है जबकि दूसरे संविदा कर्मचारी चंद्रमा प्रसाद को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है और फाल्ट ना ठीक होने पर लोगों का गुस्सा भी झेलना पड़ता है। थोड़ी सी हवा चलने या हल्की बरसात होने के बाद भी कहीं ना कहीं फाल्ट हो जाता है। दिन में तो फाल्ट खोजना आसान होता है किंतु रात में नाकों चने चबाने पड़ते हैं। विभाग ने संविदा कर्मचारियों को कोई ड्रैगन लाइट भी नहीं दी है जिससे रात के अंधेरे में फाल्ट ठीक किया जा सके।
 
कभी-कभी लगातार 24 घंटे बिजली बाधित रहती है। दोआबा के इतने बड़े क्षेत्र में महज दो लाइन मैन के भरोसे बिजली चला पाना सब स्टेशन पर बैठे एस एस ओ के लिए भी टेढ़ी खीर है। बिजली विभाग के जेई की स्थिति है कि वे  क्षेत्र में न रहकर जिला मुख्यालय पर रहते हैं।

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