नेशनल स्पेस डे पर टाइनी टॉट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल उतरौला में सेमिनार आयोजित, बच्चों ने अंतरिक्ष अभियानों के बनाए मॉडल
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उतरौला (बलरामपुर) नेशनल स्पेस डे के उपलक्ष्य में टाइनी टॉट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक भव्य सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों के मॉडल बनाए, जिनमें चंद्रयान-2, मंगल मिशन, आदित्य एल-वन और अपोलो-11 शामिल थे। इन मॉडल्स ने न केवल छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर किया बल्कि उनकी मेहनत और लगन को भी दर्शाया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने नेशनल स्पेस डे के महत्व और अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इसके बाद छात्रों ने अपने-अपने मॉडल्स का प्रदर्शन किया और उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी। चंद्रयान-2 का मॉडल खास आकर्षण का केंद्र बना, जिसमें छात्रों ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ चंद्रमा की सतह का सटीक प्रदर्शन किया। इसी प्रकार, आदित्य एल-वन, जो सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला मिशन है, का मॉडल भी खूब पसंद आया।
अध्यापकों ने इन मॉडल्स की सराहना की और बच्चों के प्रयासों को प्रोत्साहित किया। अध्यापक बृजभूषण मिश्रा ने मंगल मिशन पर व्याख्यान देते हुए बताया कि कैसे इस मिशन ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वभर में एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि बच्चों का यह प्रयास उनके भविष्य के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा।
इसी प्रकार, आदित्य एल-वन मिशन पर व्याख्यान देते हुए विज्ञान शिक्षक अमित कुमार ने सूर्य के अध्ययन के महत्व को समझाया और बताया कि कैसे इस मिशन के माध्यम से भारत सूर्य की संरचना और गतिविधियों को समझने में एक कदम आगे बढ़ेगा। सेमिनार के दौरान बच्चों ने अपोलो-11 मिशन, जिसने मानव को पहली बार चंद्रमा पर उतारा था, का भी मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल के माध्यम से बच्चों ने बताया कि कैसे नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बने थे। इस पर भी विज्ञान शिक्षकों ने बच्चों के ज्ञान और उनकी मेहनत की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने सभी छात्रों और शिक्षकों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के अंदर विज्ञान के प्रति रुचि और जागरूकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।डायरेक्टर सैफ अली ने कहा कि भविष्य में भी स्कूल इसी प्रकार के आयोजनों के माध्यम से बच्चों को नए-नए विषयों से जोड़ता रहेगा।
इस सेमिनार ने न केवल छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूक किया, बल्कि उनके अंदर वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना को भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह साबित किया कि बच्चे अगर सही दिशा में प्रेरित किए जाएं, तो वे बड़े से बड़े वैज्ञानिक अभियानों को भी समझ सकते हैं और उनका अनुकरण कर सकते हैं।इस अवसर पर अध्यापक अनिल कुमार गुप्ता, रराशिद रिजवी, कामेश्वर दत्त तिवारी, शिवानंद तिवारी, महेश कुमार गुप्ता, शिव शंकर गुप्ता आदि का विशेष योगदान रहा
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