चौथे स्तम्भ पर मंडरा रहा खतरा ,खत्म हुई चंद पैसे के ठेकेदारों से लेख की हक़ीक़क्त

डिजिटल संचार के दौर में चतुर कौवे की भांति घूम रहे कुछ अति चातुर कलमकार ,चोंच में मानव मल भरे  पढा रहा मानवता का पाठ

चौथे स्तम्भ पर मंडरा रहा खतरा ,खत्म हुई चंद पैसे के ठेकेदारों से लेख की हक़ीक़क्त

गोरखपुर

चंद पैसों में लेख बेचने वाले चतुर कौवे की जनता करे परख! !

 खजनी । दुनिया भले ही चांद पर चली जाय लेकिन कुछ बहुरूपियों के अलाप से चौथा स्तम्भ भी बदनाम हो गया ।  अपने को तेज समझने वाला कौवा जिस तरह भोर में मानव मल खा कर चोंच खरोचता है । उसी प्रकार अति चातुर बनने वाले उस कौवे के समान अपने आपको शोभायमान है ,खुद ही आईना बन कर समाज को धोखा दे रहे है  । आज के  कुछ संकुचित मानसिकता वाले लोगो के वजह से कहावत  "बर मरे या कन्या मुझे तो बस दक्षिणा चाहिए "  चरितार्थ हो रही है , ऐसे प्रतिभावान आज के समाज का  कचरा साफ  करने की जिम्मेदारी  ले बैठे है , कुछ लोग कथित  वेवसाइड पर अपनी प्रतिभा का घिनौना हरकत कर नीचता भी करते  नजर आ रहे है । किसी जमाने मे पत्रकारिता अपने आप में पहचान होती थी , ।तब चंद रुपए के लिए पत्रकार अपने पवित्र कलम का साख नही गिराते थे । लेकिन आज ऐसे कथित कलमकार ब्यापारी  के रूप में  चौथे स्तम्भ को नाम बदनाम करने पर आतुर है
बहराहाल जनता एक  न एक दिन ऐसे  चतुर कौवे की भाषा  लिखने वाले को जरूर सबक देंगे । जिससे चौथे स्तम्भ की गरिमा अंत समय मे बच सके । 
आपको  अगर लेख पसद आई हो तो कमेंट जरूर करे ।

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