सीएचसी तुलसीपुर के पूर्व अधीक्षक डॉ सुमंत सिंह चौहान के कार्यकाल में आये एसी ,फ्रिज व अन्य वस्तुएं लापता
सीएचसी तुलसीपुर में फर्जी फोटो शूट बिल लगा हो गया लेपटॉप खरीद का भुगतान की सूत्रों से मिल रही जानकारी
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सीएचसी तुलसीपुर में इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी बताया गया चोरी की बात
पूर्व अधीक्षक डॉ सुमन्त चौहान के चहेते स्टोर मैनेजर की अगर जांच हो तो होंगे बड़े खुलासे-चोरी य बिक्री
बलरामपुर- उत्तर प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर वर्ष लाखो का बजट देकर स्वास्थ सेवा एवं अस्पतालों के सुधार के दावे करती है। और उसके लिए तमाम दावाओ से लेकर चिकित्सा उपकरण को लेकर सरकार द्वारा स्वास्थ विभाग के माध्यम से लाखो खर्च कर सीएचसी व पीएचसी की व्यवस्थाओं के सुधारने में लगी हुई है । जिसको लेकर सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सीय उपकरण और अन्य सामग्री के लिए धन उपलब्ध करवा रही है। जिससे स्वास्थ सेवाएं और अस्पतालों के व्यवस्था बेहतर हो सके और मरीज को उसका पूरा-पूरा लाभ मिल सके । लेकिन तस्वीरे हमेशा सच बताते हैं कि सीएचसी और पीएचसी केंद्र पर व्याप्त भ्रष्टाचार किस हद को पार कर चुका है।
जहां स्वास्थ विभाग की अजब गजब कहानी सामने आती है। ऐसा ही एक मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर से जुड़ा हुआ है जहां पूर्व सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान के कार्यकाल में सीएससी केंद्र तुलसीपुर को अपडेट करने के लिए लाखो रुपए के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ अन्य स्वास्थ सेवाओ से सम्बंधित उपकरण विभाग के द्वारा भेजा गया जिसमें वार्डों में लगाने के लिए दर्जनों अलमारी,ऐसी व अन्य के साथ लैपटॉप सीएचसी तुलसीपुर द्वारा लेने की जानकारी सूत्रों के द्वारा मिल रही है जिसको आए हुए लगभग एक वर्ष होने को है लेकिन उसका अतापता तक नही किस वार्ड में लगा और अन्य किसके द्वारा उपयोग में है ।
जबकि तुलसीपुर सीएचसी में आए हुए तमाम उपकरण का कोई पता तक नहीं है। जो एक जांच का बड़ा विषय है। वही बताते हैं की आए हुए वस्तुओं के फोटोशूट होने के बाद ही वह लापता हो गए हैं। जिसकी जानकारी सूत्रों से मिल रही है कि आये हुए उपकरण को अवैध रूप से निजी संपत्ति समझ कर अधीक्षक सुमन्त सिंह के द्वारा बेच दिया गया है। वही अगर लेपटॉप की बात की जाए तो उसका भुगतान भी पुराने बिल का फोटो खींचकर किया गया है।
जबकि सुरक्षा सीएससी तुलसीपुर में अनेक जगह पर कैमरे लगवाए गए हैं इसके साथ ही तमाम सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई है। इसके बाद भी ऐसी घटना होना बड़ी बात है। वही अगर चोरी की घटना हुई है तो उस पर अब तक थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट तक नहीं हुआ है आखिर क्यों। जबकि इस संबंध में सूत्रों से जानकारी यह मिल रही है कि अधीक्षक सुमन्त सिंह चौहान के कार्यकाल में उनके और उनके सहयोगियों के द्वारा लगाए गए सामानों का फोटो शूट कर विभाग को संतुष्ट किया जाता है लेकिन उसके बाद ही लगे उपकरण गायब कर दिए जाते हैं और बहाना चोरी का होता है ।
उसको लेकर अगर स्टोर मैनेजर सीएचसी तुलसीपुर और अन्य सहयोगियों पर विभागीय जांच का शिकंजा कसा जाए तो बहुत से राज खुलकर सामने आएंगे। जहां सरकारी सेवा में मौजूद उपकरणों की सुरक्षा का यह हाल है तो उससे पहले भी तमाम विभाग द्वारा तमाम सामग्री व उपकरण जो आया है उनकी वार्षिक खरीदारी का लेखा-जोखा अगर चेक किया जाए तो और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं । वही सवाल उठता है की स्वास्थ्य विभाग में इतनी सुरक्षा के बाद भी ऐसा मामला सामने आ रहा है जो कि अपने आप में एक बड़ा सवाल है ।
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