सीएचसी तुलसीपुर में पूर्व अधीक्षक डा सुमन्त सिंह के कार्यकाल में आये उपकरण की चोरी का अबतक नही हुआ खुलासा

सीएचसी तुलसीपुर चोरी मामले में स्टोर मैनेजर की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल कैसे हुई उपकरण की चोरी

सीएचसी तुलसीपुर में पूर्व अधीक्षक डा सुमन्त सिंह के कार्यकाल में आये उपकरण की चोरी का अबतक नही हुआ खुलासा

खबर प्रकाशन के एक सप्ताह बीतने के बाद भी अबतक नही हुई विभागीय कार्यवाही 

बलरामपुर- जहां सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तमाम तरह दावे करती है और स्वास्थ्य विभाग के सुरक्षा और मांनक की बात करती है तो वहीं विभागीय भ्रष्टाचार का आलम यह है की विभाग में आए हुए तमाम चिकित्सा उपकरण द्वारा मरीजों की सुविधाओ के लिये दिए जाने की बात सामने आ रही है । आपको बताते चले कि मामला जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है जहां लगभग पूर्व में एक वर्ष लाखों रुपए के स्वास्थ उपकरण की खरीदारी के लिए विभाग के द्वारा धन प्रदान किया जाता है और खरीदारी कर सीएचसी में स्वास्थ सेवाएं बेहतर करने की बात होती है।
 
लेकिन आये सामानों का फोटो शूट के बाद सारे सामान लापता हो जाते हैं । जबकि सुरक्षा की बात की जाए तो सीएचसी तुलसीपुर में अस्पताल परिसर से लेकर तमाम वार्डो तक के कैमरे लगाए गए हैं। उसके बाद भी इस प्रकार से उपकरणों का लापता हो जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल उत्पन्न कर रहा है ।जहां देखा यह जा रहा है कि अधीक्षक सुमन्त सिंह चौहान की कार्यकाल में लगाए गए उपकरण उनके सहयोगियो के द्वारा इनके मिलीभगत से ही उतार कर भेज देने के बाद भी सामने आ रही है।
 
तो वहीं सूत्रों द्वारा विभाग के द्वारा लैपटॉप खरीदारी की बात भी सामने आ रही है जिसमें लैपटॉप खरीदने और उसके पेमेंट को लेकर बड़ा खेल खेला जाने की बात सामने आ रही है। सूत्र बताते हैं कि लैपटॉप खरीदारी में जो बिल प्रयोग किया गया है वह बिल फर्जी है और फोटो शूट कर उसका पेमेंट दिखाकर विभाग को संतुष्ट किया गया है । बाकी पुराने लैपटॉप से विभाग के काम करवाने की बात सामने आ रही है इसको लेकर जब खबर प्रकाशित की जाती है तो विभाग में हुई चोरी की टीम गठित कर मामले की जांच का आश्वासन सीएमओ मुकेश रस्तोगी की द्वारा की जाती है। 
 
लेकिन मामले को लगभग एक सप्ताह बीतने को है लेकिन विभाग के द्वारा जांच और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ अब तक आश्वासन ही दिया जा रहा है। जबकि ऐसे मामले का अब तक खुलासा न होना अपने आप में एक बड़ा सवाल उत्पन्न कर रहा है । वही विभाग के दावेदारी की बात की जाए तो सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिल रही कि स्वास्थ विभाग बलरामपुर के कुछ अधिकारियों की भी इसमें मिली भगत देखी जा रही है जिसके चलते मामले का खुलासा अब तक नहीं किया जा रहा है। 
 
और ऐसे मामले में लीपापोती की जारही है की बात सामने आरही। अस्पताल सुरक्षा की बात की जाए तो इतनी सुरक्षा के बावजूद भी सीएचसी तुलसीपुर से लाखो के सामानों की चोरी हो जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है वही स्टोर इंचार्ज के दायित्व पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे। जहां एक मोबाइल चोरी होने पर कार्रवाई हो जाती है तो वहीं ऐसे तमाम सामान की चोरी होने पर अब तक प्रशासनिक कार्यवाही क्यों नहीं की गई और अब तक मामले का रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराया गया आखिर क्यों ? जिससे ऐसा लगता है कि विभागीय भ्रष्टाचार के दलदल में विभाग के उच्च अधिकारी तक फंसे हुए हैं जिसके कारण मामले को ठंडे बस्ते में डाल दोषियों को बचाया जा रहा है।
 
 वही अगर अस्पताल कर्मियों की बात की जाय तो मौन स्वीकृति के चलते ही ऐसा कार्य किया गया है इसमें डॉ सुमन्त सिंह चौहान और उनके चाहतों की अहम भूमिका है जिसकी जांच विभाग के द्वारा अगर निष्पक्ष जांच करवाया जाय तो चोरी के रॉज खुलेंगे। लेकिन यहां जिम्मेदार ऐसे मामलों में कार्रवाई न कर अपना और अपने विभागीय अधिकारियों का बचाव कर रहा है की बात सामने आ रही है ।

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