मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की मांग, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
– सनातन बोर्ड का गठन करे सरकार, प्रसाद में हो फल, मेवा का उपयोग
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बस्ती। बस्ती जिले मे सनातन धर्म चेतना चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बाला जी मंदिर में भोग प्रसाद में पशुओं की चरबी का उपयोग किए जाने का प्रकरण प्रकाश में आने पर प्रधानमंत्री को संबोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा।ज्ञापन देने के बाद ट्रस्ट अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने कहा की सभी को पता है की मंदिर हिंदुओं के आस्था का केंद्र है, और हिंदुओं का पूजा स्थल है, यह भारत का इतिहास रहा है की अन्य धर्म के लोगो ने हिंदू आस्था,और विश्वास को चोट पहुंचाने का कार्य सदियों से कर रहे है।
कहा कि सरकार द्वारा भारत देश के पवित्र प्रसिद्ध धाम और मंदिरों में रिसीवर बैठा कर उन्हे सरकारी नियंत्रण में लिया गया है, जिनमे तमाम विधर्मी लोग भी है, जिनके कार्यशैली और कुकर्म के कारण हिंदुओं को प्रसाद के रूप में अंजाने में पशुओं की चरबी खानी पड़ गई है।ज्ञापन के माध्यम से मांग किया गया है कि भारत सरकार देश के 4 लाख मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने हेतु संसद में प्रस्ताव लाकर सनातन बोर्ड का गठन किया जाय और सभी मन्दिर सन्त समाज को सौंपा जाए जिससे वे मंदिर आर्थिक लूट का केंद्र ना बन सके।सभी मन्दिरों में प्रसाद के रूप में सूखे मेवे और फल का वितरण किया जाए और मन्दिर के अन्दर प्रसाद की बिक्री प्रतिबंधित किया जाए।
मन्दिर प्रशासक के रूप में नियुक्त सभी गैर हिन्दुओं को तत्काल प्रभाव से बाहर किया जाय। मन्दिर से सम्बंधित भूमि विवाद के निस्तारण हेतु उच्च न्यायालय स्तरीय सनातन न्यायाधिकरण का गठन किया जाय। इसी क्रम में ट्रस्ट के संरक्षक अरुण भारती ने कहा कि पूरे विश्व में कहीं भी किसी चर्च में कोई गैर इसाई कर्मचारी नहीं है, किसी मस्जिद में कोई गैर मुस्लिम कर्मचारी नहीं है परंतु सनातन धर्म का केंद्र भारत में अधिकांश मन्दिरों पर प्रशासक के रूप में तमाम मुस्लिम और ईसाई कर्मचारी नियुक्त हैं जो अक्षम्य अपराध है।
धर्म रक्षा के लिए सनातन धर्म चेतना चौरिटेबल ट्रस्ट निरन्तर संघर्ष करता रहेगा। ज्ञापन देने वालों में अरुण भारती, अशोक कुमार त्रिपाठी, दीनदयाल तिवारी, राहुल त्रिपाठी, अंशू कुमार, सौरभ तिवारी, रुद्र आदर्श पाण्डेय, राजेन्द्र मिश्र, अनिल कुमार, सौरभ मिश्र एडवोकेट, प्रमोद पाण्डेय, जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय, अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय शिबलू एडवोकेट सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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