गांव से सफाई नदारद, ग्रामीण परेशान

---अक्सर नदारद रहते हैं सफाई कर्मचारी, साफ-सफाई के नाम पर होती है खानापूर्ति

गांव से सफाई नदारद, ग्रामीण परेशान

लक्ष्मीपुर/महराजगंज। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री के मिशन स्वच्छता अभियान का ग्रामीण क्षेत्रों में बुरा हाल है। गांव में नियुक्त सफाई कर्मी नदारद रहते हैं। अधिकतर सफाई कर्मी अधिकारियों व प्रधानों की सेवा कर अपनी ड्यूटी कागजों में पूरी कर रहे हैं। दरअसल पंद्रह साल पहले प्रदेश सरकार ने गांव को स्वच्छ रखने को लेकर सफाई कर्मियों की नियुक्ति की थी। इससे सरकार की मंशा साफ थी की सफाई कर्मी गांव में रहकर गांव को स्वच्छ बनाए रखने का काम करेंगे, लेकिन नियुक्ति के बाद कुछ वर्षों तक तो सफाई कर्मियों ने गांव में काम किया।
 
उसके बाद अचानक गांव से नदारद हो गए। जिससे गांव को स्वच्छ रखने की सरकार की मंशा को अब पलीता लग रहा है। क्योंकि गांव से सफाई कर्मचारी अब नदारद हो चुके हैं वहीं गांव में जगह जगह कूड़े का अंबार लगता जा रहा है और नालियां भी गंदगी से बजबजा रही हैं। यही नही मजबूरन गांव वासियों को खुद सफाई करनी पड़ रही है। मालूम हो कि लक्ष्मीपुर विकास क्षेत्र में कुल 96 ग्राम पंचायतें हैं और पूरे ब्लाक में कागजी तौर पर लगभग 127 सफाई कर्मी तैनात हैं। परंतु हकीकत पर गौर करें तो चार सफाई कर्मी ब्लाक में संबद्ध हैं और एक सफाई कर्मी जिले के अधिकारियों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
 
बचे 122 सफाई कर्मी में कुछ काम कर रहे तो कुछ मौज मस्ती कर रहे हैं। क्षेत्र के दर्जनों गांव गंदगी की समस्या से जूझ रही हैं। वही ग्राम पंचायत सोनवाल प्रधान प्रतिनिधि तबरेज ने सफाईकर्मी के साफ सफाई ना करने को लेकर लिखित शिकायत पत्र ब्लॉक मुख्यालय पर दिया। ग्राम पंचायत परसौनी में भी ग्रामीण सफाईकर्मी ने ना आने पर एडीओ पंचायत लक्ष्मीपुर दिनेश पाठक से मौखिक शिकायत की जिस पर श्रीपाठक ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस मामले को लेकर एडीओ पंचायत का कहना है कि गांव मे तैनात सफाई कर्मी नियमित रूप से गांव मे जाकर साफ सफाई करें। यदि निरीक्षण के दौरान अनियमितता मिली तो कार्रवाई निश्चित है।

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