बलरामपुर में 120 बोटा खैर लकड़ी बरामद

मुखबिर की सूचना पर वन विभाग ने की कार्यवाही तस्कर भागने में रहे सफल

बलरामपुर में 120 बोटा खैर लकड़ी बरामद

जांच में जुटी वन विभाग की टीम

ब्यूरो रिपोर्ट 

बलरामपुर

बलरामपुर में वन विभाग की टीम ने 120 बोटा खैर की लकड़ी को पकड़ा है। जिसको लकड़ी माफिया अंतर्जनपदीय क्षेत्र में ले जाकर बेचने की फिराक में थे। वन विभाग की टीम ने लकड़ी को तो बरामद कर लिया है लेकिन लकड़ी तस्कर वन विभाग के गिरफ्त से दूर है।लाख कोशिशों के बावजूद लकड़ी तस्करों को वन विभाग की टीम पकड़ने में असफल रही है। हालांकि मामले को लेकर वन विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है।

 

मामला बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र का है जहां के सेखुईनियां कलां गांव के एक बाग में बन विभाग की टीम ने 120 बोटा खैर की लकड़ी को जप्त किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि कुछ लकड़ी तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर खैर की लकड़ी को काटा गया है जिसको यह लोग अंतर्जनपदीय क्षेत्र में बिक्री करने वाले हैं। सूचना के बाद वन विभाग की टीम हरकत में आई और गांव में दबिश दिया इस दौरान एक बाग में 120 बोटा खैर की लकड़ी मिला है लेकिन लकड़ी तस्कर भागने में सफल रहे ।वन विभाग की टीम तस्करों को पकड़ने में असफल दिखी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस क्षेत्र में लगातार लकड़ी माफिया लकड़ी को काट कर अंतर्जनपदीय स्तर पर बिक्री करते हैं ,लेकिन वन विभाग की टीम उन्हें पकड़ नहीं पाती है हमेशा पकड़ने में असफल साबित हो रही है। जब तक वन विभाग को सूचना लगती है तब तक लकड़ी तस्कर लकड़ी छोड़कर फरार हो जाते हैं। वन विभाग उन्हें नहीं पकड़ पाती है।

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 वही मामले को लेकर उप प्रभागीय वन अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि मुखबिर की सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है जहां पर 120 बोटा खैर की लकड़ी पकड़ी गई है।हालांकि कोई तस्कर पकड़ में नहीं आया हैं ।यह लकड़ी लगभग तीन से चार दिन पहले काटी गई है। मामले को लेकर वन विभाग की टीम जांच कर रही है ।जो भी शामिल होंगे उनके विरुद्ध जल्द कार्रवाई की जाएगी।

 

 वहीं अगर सूत्रों की माने तो सुहेलवा 

वन्य जीव प्रभाग के लगातार बड़े पैमाने मैं अवैध कटान का मामला प्रकाश में आता रहा है और यह काटी गई खेर की लकड़ी भी बारहवा रेंज के जंगल की ही बताई जा रही है सूत्रों के माने तो यह लकड़ी ग्राम पंचायत ननमहारा के समीप के जंगलों से काटा जा रहा है

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