पीलीभीत में बाढ़ की तबाहीः सड़कें और पुल अभी भी ठप, जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग

पीलीभीत में बाढ़ की तबाहीः सड़कें और पुल अभी भी ठप, जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग

 पीलीभीत में बीते दिनों आई बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ से प्रभावित अमरिया तहसील क्षेत्र के लोग अब भी राहत की आस में हैं, लेकिन प्रशासनिक दावों के बावजूद धरातल पर स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। दर्जनों गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने के लिए मजबूर हैं। बीते दिनों हुई बाढ़ ने पीलीभीत जिले में भारी तबाही मचाई, जिससे अमरिया तहसील क्षेत्र के नगरिया कॉलोनी से भगा मोहम्मद गंज जाने वाला मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
 
जिससे अमरिया तहसील क्षेत्र के नगरिया कॉलोनी से भगा मोहम्मद गंज जाने वाला मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कई स्थानों पर रास्ता कट जाने के कारण दर्जनों गांवों का तहसील मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है। अब स्थानीय लोगों को 10 किलोमीटर का रास्ता तय करने के लिए 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने के लिए नावों और अन्य संसाधनों का सहारा ले रहे हैं।
 
देवहा पुल की स्थिति
देवहा नदी में आई बाढ़ के चलते इस नदी पर बने पुल की एप्रोच भी क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके कारण पुल पर आवागमन पूरी तरह बंद है। अब लोग नाव के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए मजबूर हैं। इस आवागमन पूरी तरह बंद है। अब लोग नाव के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए मजबूर हैं। इस स्थिति में किसी भी समय बड़ा हादसा होने का खतरा बना हुआ है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता किसी भी तरह की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर रही है।
 
स्थानीय निवासियों की परेशानी
अमरिया तहसील क्षेत्र के निवासी मोहम्मद असलम ने बताया कि तहसील मुख्यालय पहुंचने के लिए या तो उन्हें 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है या फिर नाव से ही नदी पार करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि नाव से नदी पार करने में जोखिम तो है, लेकिन उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
 
प्रशासनिक दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी स्तर से निर्माण एजेंसियों को बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों की मरम्मत के निर्देश जारी किए गए हैं। बावजूद इसके, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों ने अमरिया तहसील क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा बढ़ती जा रही

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