Sampadkiya
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

चाँद मियां से चाँद तक का सफर

चाँद मियां से चाँद तक का सफर रोजाना लिखकर दिहाड़ी कमाने वाले हम जैसे लोग आजकल चकरघिन्नी बने हुए है । लिखने के लिए इतने मुद्दे और विषय कुकुरमुत्तों की तरह उग आते हैं।  तय कर पाना कठिन हो जाता है कि  कौन से मुद्दे पर लिखा...
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संविधान खतरे में या सिर्फ राजनीति 

संविधान खतरे में या सिर्फ राजनीति  आज संसद भवन में विपक्ष का एक नया रुप देखने को मिला। इंडी गठबंधन और विपक्ष की अन्य पार्टियों के सांसदों ने जब पहले दिन संसद भवन में प्रवेश किया तो उनके हाथों में संविधान की किताब थी। और वह...
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कांग्रेस का बसपा को आफर - मानेंगे अखिलेश ?

कांग्रेस का बसपा को आफर - मानेंगे अखिलेश ? लोकसभा चुनाव में 66 से 99 पर पहुंची कांग्रेस गदगद है और विशेषकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी और कांग्रेस के गठबंधन ने जो प्रदर्शन किया है वह तो अलग ही कहानी लिख रहा है। कांग्रेस का मानना है कि यदि...
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आखिर कथित शाहजादे का इतना खौफ क्यों है ?

आखिर कथित शाहजादे का इतना खौफ क्यों है ? देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी चुनाव का चौथा चरण आते-आते तक एकदम अमर्यादित हो गए हैं।  वे जिस जबान का इस्तेमाल अस्सी साल के बूढ़े डॉ मनमोहन सिंह के लिए करते थे उसी जबान का इस्तेमाल...
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प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाना 

प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाना  प्रकाश व्यवस्था भारत की स्थापत्य विरासत को बहुत बढ़ाती है, ऐतिहासिक स्थलों को मनोरम दृश्यों में बदल देती है भारत की स्थापत्य विरासत इतिहास, संस्कृति और परंपरा के मिश्रण को दर्शाती है। हलचल भरे शहरी वातावरण में, हमारे विरासत स्मारक...
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अपनी माटी की ओर चलें एक कदम

अपनी माटी की ओर चलें एक कदम हम सब भारत की माटी में जन्मे पले बढ़े। हम सबके जीवन में माटी का बड़ा महत्व है। चाहे हम भारत में हो या दुनिया के किसी देश में हों। बात जब माटी की होगी तब भारत का ही नाम...
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राम अयोध्या आ गये हैं, अब चार सौ पार

राम अयोध्या आ गये हैं, अब चार सौ पार भारतीय जनता पार्टी ने नया नारा दिया है अबकी बार चार सौ पार। और यह सब अचानक नहीं है इसकी रणनीति काफी पहले से तैयार हो रही थी। हां यह बात अलग है कि चार सौ पार नहीं तो नैया...
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क्या सचमुच ही बदलाव की आंधी चल उठी ?

क्या सचमुच ही बदलाव की आंधी चल उठी ? पूरे एक दशक बाद देश में क्या सचमुच बदलाव की आंधी चल उठी है ? ये सवाल उन सवालों में से निकला है जो आजकल पांच राज्यों के चुनावों की रैलियों में गूँज रहे है ।  खुद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र...
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आटा ले लो आटा, मोदी ब्रांड सस्ता आटा

आटा ले लो आटा, मोदी ब्रांड सस्ता आटा पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच केंद्र सरकार ने ' सस्ता आटा,सस्ती दाल ' लांच कर एक नेक काम किया है ।  सरकार की ये जनकल्याणकारी योजना है क्योंकि देश में अब एक तरफ अडानी का फार्च्यून आटा  आम...
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दम घुटती दिल्ली को कौन बचाएगा ?

दम घुटती दिल्ली को कौन बचाएगा ? आजकल मै लोकतंत्र से ज्यादा दिल्ली को लेकर परेशान हूँ,क्योंकि दिन-ब-दिन दिल्ली का दम घुटते देख रहा हूँ ।  दिल्ली कभी खांसती है, कभी खखारती है,कभी बलगम थूकती है,कभी हांफती है। ये दिल्ली देश की राजधानी है ,इसकी ऐसी दशा...
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दलितों को लुभाने की कोशिश में कितने कामयाब हो सकते हैं अन्य दल

दलितों को लुभाने की कोशिश में कितने कामयाब हो सकते हैं अन्य दल चुनावों का मौसम चल रहा है एक के बाद एक चुनाव देश भर में होने हैं। अभी नवंबर में पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, और मिजोरम में विधानसभा चुनावो की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग कर चुका है। जिनके...
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दिल्ली से दिमनी तक मुन्ना ही मुन्ना  

दिल्ली से दिमनी तक मुन्ना ही मुन्ना   मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती और गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के बाद आज आपको  देश के एक ऐसे नाकाम कृषि मंत्री का किस्सा बताता हूँ जो मोदी सरकार की नाक नीची कराने के लिए हमेशा याद किया जायेगा...
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