साक्ष्य में दोषी वार्डेन तो कार्यवाही में देर क्यो ? , अगर वायरल बीडीओ में घायल हुई छात्राएं तो बिभाग क्यो नही दर्ज कराया मुकदमा ,सवाल !
आखिर ! क्यों खामोश हुए अधिकारी मीडिया से बना रहे दूरी, बड़ी घटना के साक्ष्य प्रमाणित, घायल छात्राओं की सरकारी इलाज न कराने कारण वार्डेन को बचाने का कोई बाईपास तरीका तो नही ! : सूत्र
ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी
खजनी /गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के उसवा बाबू मे स्थित कस्तूरबा गाँधी आवासीय वालिका विद्यालय के छात्रावास में वार्डेन द्वारा छात्राओं के साथ जो अमानवीय हृदय विदारक घटना कारित किया गया, आम जनता को भयभीत कर रही है कि अपने बच्चियो को ऐसे शिक्षण सस्थांन मे कैसे भेजे जहाँ छात्रावास में बच्चियों पर डण्डे बरसाये गये और अबतक दोषी वार्डेन के बिरुद्ध कार्यवाही को कौन कहे प्राथमिकी तक दर्ज नही कराई गयी । प्रताड़ना का वीडियो वायरल हुआ विभाग के जिम्मेदार किसी निजी अस्पताल में इलाज करवा कर अपनी कार्यवाही की खाना पूर्ति कर लिए , जबकि वही बगल में सीएचसी है , सरकारी अस्पतालों में इलाज नही हुआ जिससे बच्चियों के चोट का पुष्ट प्रमाण हो ,कही न कही बिभाग वार्डेन को बचाने का प्रयास कर रहा है ,जिससे वार्डेन को कोर्ट से राहल मिल सके , मामले को लेकर विभागीय लापरवाही देख क्षेत्र के प्रबुद्ध बर्ग में जोरो की चर्चा है। आखिर इतनी बड़ी घटना के प्रमाण मिलने के बाद भी बिभाग आज तक वार्डेन के ऊपर कोई मुकदमा दर्ज क्यो नही कराया । घायल छात्राओं को निजी अस्पताली में क्यो भेजा गया ,जो गम्भीर प्रश्न खड़ा हो रहा है ।
वही कुछ प्रबुद्ध लोगो द्वारा दबे जुबान बताया गया ,बिभाग के स्थानीय अधिकारियों की साजिश से बच्चियों का निजी अस्पताल से इलाज कराना जबकि उनकी निगरानी करनै की जिम्मेदारी है ,वह अबतक क्या कर रहे थे ।कभी विद्यालय मे जाकर छात्राओं से पूछताछ या जाँच किये ताकि लम्बे समय से चल रहे खेल का पता चल सके इस भ्रष्टाचार मे स्थानीय अधिकारी भी लिप्त है ,वार्डेन को बचाने का बाईपास मार्ग है ,जिससे वार्डेन कोर्ट के सहारे पुनः वापस आ सकती है । क्योंकि बच्चियों के डाक्टरी परीक्षण न होना प्रश्न चिन्ह है ।
बहरहाल बिभाग क्या गुल खिलाता है आने वाला समय तय करेगा। लेकिन प्रमाणित विडिओ एवं जांच में पुष्ट साक्ष्य वार्डेन अर्चना पांडेय के खिलाफ है तो कार्यवाही में इतनी देर क्यो ?
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