संजीव-नीl

संजीव-नीl

उनके अंदाज ही अलहदा निराले हैंl

उनके अंदाज ही अलहदा निराले हैं
इश्क के जख्म हमने दिल में पालें हैं।

मौज करते हैं भीख मांग-मांग कर
जो मजबूत साबुत हाथ पैर वाले हैं।

जिंदगानी की उमंग में उड़ते पंछी
कुछ दिल के गोरे और कुछ काले हैं।

मौत तो यकीनन आसान होती है
जिंदगानी के यहां पड़े बेहद लालें हैं।
बारिश के बादलों का अता-पता नहीं
सुखी नदियां और खुश्क पड़े नालें हैं।

दुश्मनों की कभी कमी नहीं रही
आस्तीन में बहुत से सांप वाले हैं।

उनका निखर उठा चेहरा संजीव
प्यार के हमने इतने रंग डाले हैं।

संजीव ठाकुर,

About The Author

Related Posts

संजीव-नी। 

संजीव-नी। 

संजीव-नीl

संजीव-नीl

संजीवनी।

संजीवनी।

संजीव-नीl

संजीव-नीl

Post Comment

Comment List

अंतर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन ने e-visa परिवर्तन अभियान शुरू किया, भारतीयों सहित सभी से इसे अपनाने का अनुरोध किया  ब्रिटेन ने e-visa परिवर्तन अभियान शुरू किया, भारतीयों सहित सभी से इसे अपनाने का अनुरोध किया 
International Desk ब्रिटेन। ब्रिटेन ने एक बड़ा अभियान शुरू किया और भारतीयों सहित देश भर में रह रहे सभी प्रवासियों...

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

संजीवनी।
संजीव-नीl
संजीव-नी। 
संजीव-नी।
संजीव-नी|