हिंदी एक भाषा नही बल्कि एक संस्कृति है।महाप्रबंधक जोशी।

राजभाषा पखवाड़ा का मुख्य समारोह का एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित।

हिंदी एक भाषा नही बल्कि एक संस्कृति है।महाप्रबंधक जोशी।

96 अधिकारी एवं कर्मचारी पुरस्कृत

प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेन्द्र चन्‍द्र जोशी ने क‍हा कि हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि एक संस्‍कृति है। हिंदी उन राष्‍ट्रीय मूल्‍यों की प्रतीक है, जो हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से प्राप्‍त हुए हैं। ये हमारे संविधान की मूल भावना को प्रदर्शित करते हैं। इन्‍हीं कारणों से 14 सितंबर,1949 को हिंदी को राजभाषा का संवैधानिक दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 14 सितंबर को उस ऐतिहासिक दिन के पचहत्‍तर वर्ष पूरे हो गए हैं, इसलिए इस साल मनाई जा रही हिंदी दिवस की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में इस राजभाषा पखवाड़ा का अपना विशिष्ट महत्व है। देश की संपर्क भाषा और जन भाषा के रूप में हिंदी विविधता में एकता की संकल्‍पना को परिलक्षित करती है।
 
श्री जोशी ने कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे का संपूर्ण कार्यक्षेत्र साहित्‍य और संस्‍कृति की समृद्ध विरासत का गढ़ रहा है। यह क्षेत्र सुविख्‍यात हिंदी साहित्‍यकारों की जन्‍मस्‍थली अथवा कर्मस्‍थली रही है और इस क्षेत्र में हिंदी समृद्ध और परिष्कृत हुई है।  प्रयागराज को तो साहित्‍य एवं संस्‍कृति की राजधानी भी कहा जाता है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि ऐसी महान कर्मभूमि से जुड़ने का सुअवसर हमें प्राप्‍त हुआ है। सूर, तुलसी, मैथिलीशरण गुप्‍त, महावीर प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा और हरिवंश राय बच्‍चन जैसे कवियों और साहित्‍यकारों के महान योगदान एवं यश के साक्षी इस साहित्यिक अंचल में कार्य करते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का नैतिक दायित्‍व है कि हम पूरी कर्तव्‍य भावना के साथ अपने सभी कार्यों में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करें। 
 
महाप्रबंधक श्री  जोशी ने कहा कि हमारी रेलवे के स्टेशन धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं, जहाँ बहुत बड़ी संख्या में देश-विदेश के यात्रियों का आवागमन होता है। प्रयागराज के आगामी कुंभ मेला में देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को पूरी तत्‍परता के साथ अपनी उत्‍कृष्‍ट सेवाएं प्रदान करने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमें यात्रियों को सहज और सरल हिंदी के माध्‍यम से यात्री सुवि‍धाओं की सूचना एवं सेवा उपलब्‍ध कराकर अपनी सांस्‍कृतिक विविधता में एकता की भावना प्रदर्शित करनी है, साथ ही इस कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज स्थित अपने स्टेशनों पर हम देश की  प्रमुख भारतीय भाषाओं में यात्री सुवि‍धाओं से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराएंगे।
 
इस अवसर पर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर  सतेन्द्र कुमार ने कहा कि हमारा देश विविध भाषाओं एवं बोलियों वाला विशाल देश है।  हिंदी और सभी भारतीय भाषाओं का संवैधानिक एवं राष्ट्रीय दृष्टि से विशिष्ट महत्व है। श्री सतेन्द्र कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे में राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि कंप्‍यूटरों पर हिंदी में काम-काज बढ़ाने के लिए निरंतर हिंदी कार्यशालाए, हिंदी कुंजीयन कार्यशालाएं, हिंदी के प्रख्यात साहित्यकारों की जयंती के अवसर पर संगोष्ठियाँ, साहित्यिक कार्यक्रम, महत्वपूर्ण अवसरों के उपलक्ष्य में मुख्यालय, मंडलों और कारखानों में कवि सम्मेलन तथा काव्यपाठ एवं विविध प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के अवलोकन एवं समीक्षा के लिए राजभाषा प्रदर्शनी लगाई गई। 
 
उन्होंने बताया कि हिंदी में उत्कृष्ट कार्य के लिए उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशास मुदित चंद्रा और मुख्य यातायात योजना प्रबंधक  राजेश कुमार को रेलमंत्री राजभाषा रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपने सरस काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन में सुप्रसिद्ध कवि एवं नवगीतकार यश मालवीय, जनकवि प्रकाश और ओज एवं राष्ट्रीय भावना के जाने-माने कवि श्री भूषण त्यागी आदि कवि उपस्थित थे। यश मालवीय ने अपने चिर परिचित विशिष्ट अंदाज और शैली में  काव्यपाठ कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया, वहीं जनकवि प्रकाश ने अपनी रचना से उपस्थित श्रोताओं को अत्यंत प्रभावित किया। श्री भूषण त्यागी की भगत सिंह की चिठ्ठी नामक कविता ने जनसमूह का मनमोह लिया।     
 
इसके अतिरिक्त प्रतियोगिताओं के विजेता और हिंदी में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले 96 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक उपेन्द्र चंद्र जोशी ने मुख्यालय में  राजभाषा पखवाड़ा प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया।  कार्यक्रम में अपर महाप्रबंधक  जे.एस. लाकरा और सभी प्रमुख विभागाध्‍यक्षों सहित बड़ी संख्‍या में अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  चन्‍द्र भूषण पाण्‍डेय, वरिष्‍ठ राजभाषा अधिकारी ने किया तथा उप मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं उप मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर/प्रोजेक्ट   प्रियंका सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
 
 

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