उप स्वास्थ केंद्र महारजगंज में बाहरी दवाओं के नाम पर हो रहा मरीजो का शोषण

डॉक्टरों का बाहरी पर्चे की दवा मंगा कर रहे गरीब का इलाज

उप स्वास्थ केंद्र महारजगंज में बाहरी दवाओं के नाम पर हो रहा मरीजो का शोषण

कमीशन के चक्कर मे लगातार बाहरी दवा लिख रहे सरकारी डाक्टर 

बलरामपुर- स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार बड़े बड़े भले ही करें की स्वास्थ विभाग में सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त है और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना साकार हो रहा है ।इसके लिए सरकार तमाम योजनाओं के माध्यम से लाखों, करोड़ो रुपए खर्च करने के साथ मरीजो के समुचित इलाज की बात करती है इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं फिसड्डी साबित हो रही है। जिसमें दवा से लेकर तमाम सुविधा विभागीय अस्पतालों में मिल रही है परंतु विभागों में भ्र्ष्टाचार होने की बात आम सी हो गई है जहां सरकारी दवाओ के साथ जांच व अन्य सुविधाएँ कमीशन खोरी की भेंट चढ़ रही है ।
 
और दवा से लेकर जांच तक की सुविधाएं नही मिल पा रही है और कमीशन का खेल लगातार खेला जा रहा है जिससे मरीजों को भारी रकम दवाओ और जांच के नाम भुगतान करना पड़ता है जिसमे डाक्टरो का कमीशन सेट होता है । जिससे मरीजो को मुफ्त इलाज की सुविधाएं नही मिल रही और योजना का लाभ उन तक पहुचने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाता है कि बात सामने आरही है । वही मरीजो के जेब पर भारी दामों का बोझ पड़ रहा है की तस्वीर सामने आ रही है ।
 
मामला की तुलसीपुर समुदायिक स्वास्थ केंद्र के अधीन संचालित होने वाले महाराजगंज तराई में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र का जंहा बाहरी दवा खरीदने का मामला देखने को मिल रही है। जहां पर मरीज को बाहरी दवा का पर्चा थमा दिया जाता है जिसको खरीदने को मरीज मजबूर होते हैं। जिसको लेकर जब पत्रकारों की टीम ने जब सर्वे किया तो वहां पूरा मामला खुलकर सामने आया कि किस प्रकार बाहरी दवा के नाम मरीजो का शोषण डॉक्टरों द्वारा किया जाता है। 
 
1इसमें शाहिद रुखसाना गुड़िया व अन्य मरीज ने बताया कि हमें सरकारी अस्पताल से इलाज को लेकर बाहरी दवा लाने को लेकर बाहर का पर्चा दिया गया कि यह बाहर खरीदना होगा । जिससे हमें काफी समस्या हो रही है । जिसको लेकर जब सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर विकल्प मिश्र को फोन किया जाता है तो उनका फोन कारण से नही उठा जिससे सम्बन्धित विषय पर पक्ष नही मिल सका ।
 

About The Author

Post Comment

Comment List

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

संजीव-नी।
संजीव-नी।
संजीव -नी।
संजीव-नी।
संजीव-नी|