मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक के आदेश का सही तरह पालन नहीं करते बेसिक शिक्षा अधिकारी
स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकरनगर। जनसूचना अधिकार अधिनियम को पूरी तरीके से मजाक बनाकर कार्य किया जा रहा है अम्बेडकर नगर जिले के अधिकारियों द्वारा चाहे वह स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग , राजस्व विभाग या शिक्षा विभाग हो अपनी भ्रष्टाचार और अनियमितता छुपाना कहा जाय या फिर अपने उच्चाधिकारियों का कोई डर और भय नहीं है क्योंकि जिले के सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन दिल्ली संगठन के अम्बेडकर नगर के जिला अध्यक्ष सत्यम श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर के यहां प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय में कार्यरत अध्यापक, अध्यापिका के योग्यता एवं बच्चों की संख्या, उपलब्ध कमरे और बच्चों की अन्य सुविधाएं हेतु शौचालय आदि तथा विद्यालय में शिक्षण कार्य हेतु चलायें जा रहे पुस्तक के बाबत जनसूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सूचना प्राप्त करने हेतु दिनांक 07 अगस्त 2023 को ही बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर को पंजीकृत डाक से आवेदन पत्र प्रेषित किया जो दिनांक 9 अगस्त 2023 को प्राप्त भी हो गया इसके बाद भी कोई जबाब नहीं प्राप्त हुआ तो आवेदक सत्यम श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को अनुस्मारक पत्र भी प्रेषित किया तो उसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आवेदक सत्यम श्रीवास्तव के मोबाइल पर फोन कर उक्त जनसूचना आवेदन के बारे में जानकारी ली गई इसके बाद भी एक वर्ष बीत गया पर आवेदक को बीएसए अम्बेडकर नगर ने सूचना नहीं दिया तो सत्यम श्रीवास्तव ने सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) अयोध्या मण्डल अयोध्या को प्रथम अपील पंजीकृत डाक से इस आशय का प्रेषित किया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर ने एक वर्ष तक आवेदक सत्यम श्रीवास्तव के आवेदन को प्राप्त कर सूचना नहीं दिये तो सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक कौस्तुभ कुमार सिंह ने पत्रांक -ज.सू./2834-35/2024-25 दिनांकित 8 अक्टूबर 2024 से बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर को स्पष्ट आदेश दिया गया कि एक सप्ताह के भीतर आवेदक सत्यम श्रीवास्तव को सात बिन्दुओं की सूचना दी जाये अन्यथा की राज्य सूचना आयोग द्वारा अधिरोपित अर्थ दण्ड का सम्पूर्ण बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर पर होगा।
इसके बाद भी एक माह से ज्यादा समय व्यतीत होने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी जलालपुर ने सूचना का जबाब आधा अधूरा अप्रमाणित छायाप्रति तथा कुछ बिन्दुओं की तो सूचना ही नहीं देना स्पष्ट रूप से अपने द्धारा किये गये भ्रष्टाचार या ग़लत व भ्रष्टाचार करने वाले को संरक्षण देना ही उजागर करता है क्योंकि एक वर्ष तक सूचना न देना और सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के आदेश के बाद भी आधा अधूरा अप्रमाणित व गलत सूचना देना जनसूचना अधिकार अधिनियम का उलंघन कर अपने उच्चाधिकारियों के आदेश को दरकिनार कर गलत कार्य करने वाले और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना इनकी कार्यशैली की प्राथमिकता में शामिल हैं।
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