कुशीनगर : अलविदा हो गया जटहां–शास्त्रीनगर गंडक सेतु पथ की आस !

हवा हवाई नेताओं के आगमन और क्षेत्रीय नेतृत्व के अभाव में पिछड़ा ही रह गया गंडक तटीय यूपी बॉर्डर का गंडक इलाका 

कुशीनगर : अलविदा हो गया जटहां–शास्त्रीनगर गंडक सेतु पथ की आस !

शास्त्रीनगर–बेलवानिया 2022 में ही पास हो गई थी एलाइनमेंट

ब्यूरो रिपोर्ट प्रमोद रौनियार 

कुशीनगर। दो राज्य को जोड़ने वाली डेढ़ दशक से लगातार की जाती रही मांग जटहां–शास्त्रीनगर बगहा गंडक सेतु पथ निर्माण कार्य कुशीनगर के जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते जनता के उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया।
आज पडरौना और खड्डा विधान सभा क्षेत्र के पिछड़े इलाके कटाई भरपुरवा ऐतिहासिक मार्केट जटहां बाजार कस्बा गंडक कटिय क्षेत्र के चलते अति उपेक्षित पिछड़ा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस उपेक्षा को समाप्त करने और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने का एक ही मार्ग था वह यूपी के जटहां बाजार से बिहार के शास्त्रीनगर बगहा गंडक नदी पर पुल पथ निर्माण होने से दो राज्य 8 किमी में जुड़ गया होता, और इलाके का अप्रत्याशित चहुमुखी विकास हुआ होता लेकिन इस क्षेत्र का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है सांसद हो या विधायक सिर्फ पांच साल में एक बार वोट लेने आते है तो उन्हें भी जटहां बगहा गंडक नदी पर खयाल याद आता है इस लॉलीपॉप को दिखाकर सीधी सादी जनता से छल कर अपना उल्लू साध लिया करते हैं।
 
सही मायने में धरातल पर संघर्षशील जमीनी जनप्रतिनिधि चंपारण जिले को माना जाएगा वहां के जनप्रतिनिधियों ने दो राज्य दो शहर जटहां–शास्त्रीनगर गंडक सेतु पथ जोड़ने के पूरी कोशिश किया लेकिन कुशीनगर के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से जटहां नहीं जुड़ा और शास्त्रीनगर बगहा से बेलवनिया मिशन पास हो गया। आज यूपी के गंडक तटीय कटिय क्षेत्र में जनता कितना हताश और निराश हैं इनका नब्ज टटोलने वाले सिर्फ चुनाव में ही मिलेगे। 
 
 

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