कोविड-19 खतरनाक के साथ ही होता है बेहद कमजोर

कोविड-19 खतरनाक  के साथ ही होता है बेहद कमजोर

सावधानियां व कुछ उपाय ही वायरस पर पड़ेगा भारी ब्यूरो रिपोर्ट -जयदीप शुक्ला गोण्डा-लोगों के दिलों मे मौत रूपी कोरोना वायरस का डर इस कदर समाया हुआ हुआ है कि लोगों का जीना मुहाल हैं। जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर हम आप लोगों के बीच सांझा कर रहे हैं वायरस के बारे मे दी गयी

सावधानियां व कुछ उपाय ही वायरस पर पड़ेगा भारी

ब्यूरो रिपोर्ट -जयदीप शुक्ला

गोण्डा-
लोगों के दिलों मे मौत रूपी कोरोना वायरस का डर इस कदर समाया हुआ हुआ है कि लोगों का जीना मुहाल हैं। जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर हम आप लोगों के बीच सांझा कर रहे हैं वायरस के बारे मे दी गयी बालरोग विशेषज्ञ डॉ0 एन.के मौर्य से अहम जानकारी के कुछ अंश।

सवाल – आप सर्वप्रथम कोरोना के बारे में अवगत कराएं कि ये कहाँ से और कैसे फैलती है ?

जवाब- आपको जानकारी देते चलें कि यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कोरोना वायरस पर जो रिपोर्ट जारी की है उसमे साफ किया गया है कि कोरोना वायरस (कोरोन वियूर्ज) वायरस का समूह है जो जानवरों मे मिलता है। यह वायरस जानवरों के संपर्क मे रहने से व उनके मास खाने से इंसानो मे प्रवेश हुआ है। यह छुआछूत बीमारी जैसा ही है जो अब इंसानो से इंसानो में फैल रही है।

सवाल – डा0 साहब इस बीमारी के लक्षण क्या हैं और ये लोगों को किस तरह प्रभावित करती है ?

जवाब – इस बीमारी के लक्षण फ्लू इन्फेक्शन से मिलता जुलता है। बशर्ते इस बीमारी मे बच्चों व व्यस्कों में खांसी व बलगम के साथ अगर बुखार 100 डिग्री फॉरेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है तो कोरोना प्रभावित कर सकता है। इससे प्रभावित मरीज के संपर्क में जो भी पहुंचेगा उसे भी ये बीमारी घेर लेगी क्योंकि प्रभावित मरीज के छींकते ही मात्र 2 सेकेंड मे नजदीक वाला व्यक्ति प्रभावित हो जाता है।

मरीज के छींक का ड्राप डेढ़ मीटर तक कवर करता है। यह स्वास नली में जाकर म्यूकस (बलगम) की लेयर बना लेता है जिसके सॉलिड होने से स्वांस नली बंद हो जाती है। इलाज़ के लिए डॉक्टर्स इसी नली को खोलने की कोशिश करते हैं और दवाई देते हैं, हलाकि इसमें कई दिन लगते हैं और पेशेंट क्रिटिकल हो जाता है। परिणाम स्वरूप सीरियस मरीज ऑक्सीजन न पाने से सांस के अभाव में दम तोड़ देते हैं।

सवाल – कोरोना की जानकारी के लिए क्या जांच कराएं?

जवाब – देखिए लक्षण के हिसाब से जांच करवाएं जाते हैं बहरहाल कोरोना संदिग्ध मरीजों को 05 तरह के जॉच जरूरी होते हैं 01 स्वाब टेस्ट 02 नेजल एस्पिरेटर 03 ट्रेशल एस्पिरेटर 04 सप्टम टेस्ट 05 ब्लड टेस्ट आता है। बताते चलें कि स्वाब टेस्ट मे एक काटन स्वाब से गले व नाक के अंदर से टेस्ट लिया जाता है।

नेजल रेस्पिरेटर जांच में नाक द्वारा साल्यूशन डालकर उसका सैम्पल लिया जाता है जबकि ट्रेशल एस्पिरेटर मे ब्रोंको स्कोप नाम का पतला ट्यूब फेफड़े में डालकर वहां का सैम्पल लिया जाता है। सप्टम टेस्ट मे फेफड़े मे जमा मैटेरियल व नाक से स्वाब के जरिये निकाले जाने वाले सैम्पल का टेस्ट होता है जबकि 5 वां ब्लड टेस्ट कोरोना वायरस के सभी वेरियंट के लिए कराया जाता है।

सवाल – इससे बचाव कैसे किया जा सकता है ?

जवाब – सावधानी ही इसका बचाव है। ज्यादा से ज्यादा घर मे रहें। जरूरत के समय ही बाहर जाएं तथा मुँह पर मास्क लगाने के साथ साथ सैनिटाइजर से हर आधे घंटे पर हाथ सेनिटाइज करते रहें। खासकर बुजुर्ग घर से बिल्कुल न निकलें क्योंकि इनके शरीर की इम्युनिटी कम होती है इसलिए ये कोरोना से शीघ्र ही प्रभावित हो सकते हैं जिन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।

अहम बात यह भी है कि ये वायरस सर्वप्रथम संकर्मिक रोगी के गले में 3 से 4 दिन तक रहकर वहां म्यूकस लेयर बनाकर नेजल चैंबर के एयरवेज को प्रभावित करता है उसके बाद फेफड़े मे पहुंचता है। इस दौरान अगर हम दिन मे 3 या 4 बार गर्म चाय,नींबू युक्त गर्म पानी, गर्म काफी व अदरक लौंग उक्त गर्म काढ़ा पीते रहें तो यदि वायरस व्व मरेगा ही साथ मे गले का जमा थिक म्यूकस पिघल कर पेट मे चला जायेगा जहां गैस्ट्रिक जुसेज द्वारा ये न्युटीलाइज हो जाएगा। मेरी राय है कि सावधानी के साथ ही लोग प्रतिदिन दिन मे 3 या 4 बार गर्म पानी व अदरक लौंग वाला काढ़ा अगर पीते रहेंगे तो कोरोना जैसे बीमारी से दूर रह पायेंगे।

सवाल – आखरी एक अहम सवाल, जैसा कि आजकल सेनीटाइजर नही मिल पा रहा है ऐसे मे क्या करें ?

जवाब- आप सभी को बताना चाहूंगा कि ये वायरस खतरनाक होने साथ साथ काफी कमजोर भी होता है जो निरमा साबुन, पेट्रोल, मिट्टी का तेल व डेटोल से भी खत्म हो जाता है। अगर सेनिटाइजर न मिले तो आप इसे प्रयोग कर सकते है।

                   डा० एन.के मौर्य
              एम.बी.बी.एस, डीसीएच
                  (बालरोग विशेषज्ञ)

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