ड्रमंडगंज वनरेंज में धड़ल्ले से हो रहा पेड़ों का कटान वनविभाग अंजान 

ड्रमंडगंज वनरेंज में धड़ल्ले से हो रहा पेड़ों का कटान वनविभाग अंजान 

हलिया। ड्रमंडगंज वनरेंज के बबुरा रघुनाथ सिंह वनक्षेत्र के कोदवारी व किरका वनक्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों का कटान किया जा रहा है। पेड़ों के काटे जाने से जंगलों का तेजी से सफाया हो रहा है। वनविभाग पेड़ों का कटान करने वाले लकड़ी माफिया के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय मामले से अनजान बना हुआ है।ड्रमंडगंज वनरेंज में प्रतिवर्ष लाखों पौधे लगाए जाते हैं लेकिन देखरेख के अभाव में लगाए गए पौधे कुछ दिन बाद ही धरातल से गायब हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिना वनविभाग की मिलीभगत से जंगल के हरे भरे पेड़ों का काटा जाना संभव नही है। वनविभाग कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बना हुआ है।
 
जबकि प्रतिवर्ष सरकार वनों की सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से जंगलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।हाल ही में बबुरा रघुनाथ सिंह वनक्षेत्र के कंपार्टमेंट नंबर 6 के कोदावरी जंगल में वनविभाग द्वारा दस वर्ष पूर्व लगाए गए सागवन, खैर तथा सलई के हरे भरे सैकड़ों पेड़ काट दिए गए हैं जिसमें काटे गए कुछ पेड़ सूखने के लिए छोड़ दिए हैं। जिन्हें सूखने के बाद लकड़ी माफिया उठा ले जाएंगे। हालत यह है कि धड़ल्ले से वनक्षेत्र में लगे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है लेकिन इस क्षेत्र में तैनात वनदरोगा, वनरक्षक तक को मामले की जानकारी नही है।
 
ऐसे में जल्द ही वनक्षेत्र से हरे भरे पेड़ गायब हो जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि वनविभाग पौधरोपण करवाए जाने के बाद कभी भी जंगल की ओर नही आता जिससे लोग बेखौफ होकर पेड़ों का कटान कर रहे हैं।कोदवारी वनक्षेत्र में पौधों को नष्ट कर सैकड़ों बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण खेती की जा रही है। लेकिन आज तक विभाग ने अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही की। जिसके चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है।
 
ड्रमंडगंज वनरेंज के बबुरा रघुनाथ सिंह, सोनगढ़ा, बंजारी कलां वनक्षेत्र में वनविभाग की लापरवाही से हरे भरे पेड़ धड़ल्ले से कटते जा रहे हैं जिससे हरियाली और पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी मीरजापुर अरविन्द राज मिश्र ने बताया कि मामला संज्ञान में नही है पेड़ों की कटाई की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
 

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