कब्र खोद कर हो रही थी दफन की तैयारी घर पहुंचते चलने लगी सांसे 

डुमरियागंज थाना क्षेत्र के  सीकहरा गांव का है मामला

कब्र खोद कर हो रही थी दफन की तैयारी घर पहुंचते चलने लगी सांसे 

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज  थाना क्षेत्र के सीकहरा में जिंदगी और मौत के कशमकश का  मामला सामने आया है। हार्ट अटैक से बीमार हुए एक मरीज को मृत्यु जानकर उसके परिजन मुंबई से उसे लेकर उसके गांव आए तो वह व्यक्ति जिंदा मिला। इस बीच उस व्यक्ति के क्रियाकर्म और उसे सुपुर्दे खाक करने की सारी तैयारियां गांव में पूरी कर ली गई थी। यहां तक की उसकी कब्र भी खोद दी गई थी। मामला डुमरियागंज के सीकहरा गांव का है ।सीकहरा गांव के रहने वाले अकरम  55 वर्ष की मुंबई में अचानक तबीयत खराब हुई जहां उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया पता चला कि उसे सीरियस हार्ट अटैक आया है।
 
अकरम का अस्पताल में 24 घंटे तक इलाज हुआ और वहां से डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया घर वालों ने समझा कि उनकी मौत हो गई है, और उन्होंने इसकी सूचना सिकहरा गांव में उनके परिजनों को दी और अकरम को एंबुलेंस से लेकर गांव के लिए रवाना हुए इस बीच गांव के लोगों ने व्यक्ति की  मृत्यु की सूचना पर उसकी कब्र तक खोद कर तैयार कर दी। बुधवार की सुबह भोर में 3:00 बजे जब  गांव में पहुंचा तो  लोगों को उस  देखकर शक हुआ कि उसकी सांसे चल रही है।
 
इस बीच लोग उसके जिंदा होने की बातें करते रहे। करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद जब उसे नहलाने की तैयारी शुरू हुई तो किसी व्यक्ति ने उसके होठों को हिलते हुए देखा और आनन-फानन में उसे डॉक्टर को दिखाया गया डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे जीवित बताया और पास के एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती किया। जहां उसकी हालत चिंताजनक होने की वजह से उसे बस्ती  के लिए  रेफर कर दिया गया।
 
जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई  है।कहना ना होगा कि अगर गांव वालों ने उसके जिस्म को ठीक से ना देखा होता और उसकी और ऐनवक्त में सांस ना चली होती तो आज शायद वह जिंदा होते हुए भी मनों मिट्टी के नीचे दफन हो गया होता । इस घटना से यह बात साफ हो गई है कि जिसकी जिंदगी जब तक लिखी है तब तक वह जरूर जिंदा  रहेगा।   हालाकि अकरम  इस दुनिया में नही  रहा। 

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