खजनी तहसील क्षेत्र  में डीएपी की कमी, खाद की किल्लत से किसानों में आक्रोश, प्रशासन के दावे फेल

मेला जैसी भीड किसानों की बितरण में धांधली का आरोप ,चेहरा देख दी जा खाद

खजनी तहसील क्षेत्र  में डीएपी की कमी, खाद की किल्लत से किसानों में आक्रोश, प्रशासन के दावे फेल

   गोरखपुर । खजनी तहसील क्षेत्र में डीएपी की कमी न केवल किसानों के लिए कठिनाई का कारण बनी हुई है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप खेती भी प्रभावित हो रही है. अगर प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में किसानों  पर बुआई का संकट  मंडरा रहा है। निजी संस्थानों में मनमानी डर वशूलने का आरोप सामने आ रहा है ,जिससे किसान चिंतित है।  गोरखपुर दक्षिणांचल डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद की भारी कमी के चलते किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसान लगातार  वितरण केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े हैं, लेकिन मांग के अनुसार खाद न मिलने की वजह से उनमें निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कई स्थानों पर किसानों के बीच नोक, झोक, जैसी घटनाएं हो रही हैं. प्रशासन का दावा है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया उपलब्ध है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
 
खाद के लिए लंबी कतारों में संघर्ष करते किसान
रबी सीजन की शुरुआत होते ही डीएपी की मांग बढ़ गई है, क्योंकि इस समय सही मात्रा में खाद का उपयोग करना खेती में बेहतर उत्पादन के लिए अनिवार्य है. खजनी तहसील के  खजनी ,सतुआभार ,बिगही , भरोहिया  सहित दर्जनों  सघन सहकारी समिति केंद्रों पर किसानों को डीएपी के लिए रात से ही लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लगते हैं, लेकिन वितरण की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें न केवल समय की बर्बादी झेलनी पड़ रही है बल्कि कई बार धक्का मुक्की तक की नौबत आ जाती है.  किसानों का यह भी कहना है कि उन्हें न तो पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है और न ही धूप से बचने के लिए कोई इंतजाम किया गया है. इस असुविधा के कारण वृद्ध किसान और महिलाएं बिना खाद लिए ही घर लौटने को मजबूर हो जाते हैं।
 
 किसान सोमनाथ पांडेय  ने बताया रबी सीजन में बुवाई का चरम समय, खाद की कमी से खेती पर संकट
रबी सीजन में बुवाई का यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है. यह वह वक्त है जब गेहूं, चना और अन्य फसलों की बुवाई के लिए आवश्यक पोषण की पूर्ति सही समय पर होनी चाहिए. किसानों का मानना है कि यदि डीएपी की कमी इसी तरह बनी रही तो उनकी फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. प्रशासनिक कागजी दावों के बावजूद किसानों को खाद की कमी के कारण अपनी फसल की बुवाई समय पर पूरी करना कठिन होता जा रहा है।
 
क्या बोले अन्य किसान, प्रशासन से क्या है उम्मीदें
किसानों का कहना है कि प्रशासन यदि व्यवस्थित वितरण व्यवस्था और उचित पुलिस बल की व्यवस्था कर दे तो वे आसानी से डीएपी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों की मांग है कि जीला प्रशासन डीएपी और अन्य खादों की आपूर्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित करे ताकि उन्हें सही समय पर खाद मिल सके।

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