राजधानी लखनऊ के सिटी लॉ कॉलेज में संविधान दिवस का हुआ भव्य आयोजन
भारत के लिए आज का दिन काफी खास है। आज ही के दिन हमारे देश ने संविधान को अपनाया था। बाबा साहेब भीमराव आंबे़डकर के नेतृत्व में हमारा संविधान बना जिसके बाद इसे आज तक सर्वोपरि माना जाता है। इस बात को आज 75 साल हो गए हैं
।। संविधान ही हमारे देश के नागरिकों की शान है। सभी को अपना अधिकार दिलाती जन जन की पहचान है ।।
भारत के लिए आज का दिन काफी खास है। आज ही के दिन हमारे देश ने संविधान को अपनाया था। बाबा साहेब भीमराव आंबे़डकर के नेतृत्व में हमारा संविधान बना जिसके बाद इसे आज तक सर्वोपरि माना जाता है। इस बात को आज 75 साल हो गए हैं
आज सिटी विधि महाविद्यालय में संविधान दिवस पर संगोष्टी का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में वैद आई सी यस लखनऊ के निर्देशक डॉ प्रत्युष मणि त्रिपाठी को बुलाया गया और भारत के संविधान के 75 वर्ष उपलब्धि और चुनौतियां पर उनके द्वारा व्यख्यान दिया गया कार्यक्रम का सञ्चालन सहायक प्रोफेसर प्रसून त्रिवेदी द्वारा किया गया और मुख्य अतिथि का स्वागत महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष नितीश तिवारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ आचार्य अमिता अस्थाना के द्वारा किया गया
राजधानी लखनऊ
संविधान दिवस के शुभ अवसर पर सिटी लॉ कॉलेज में संविधान दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। संज्ञानित कराते चले कि देश के आजाद होने के बाद भारत को लोकतांत्रिक देश बनाने में बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की अहम भूमिका थी क्योंकि संविधान निर्माण में वे संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के मुखिया थे। संविधान निर्माण में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें अक्सर भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। संविधान निर्माण में इनके अहम योगदान को देखते हुए इन्हें भारतीय संविधान के पिता के रुप में भी सन्दर्भित किया जाता है अर्थात संविधान निर्माता भी कहा जाता है।
26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान स्वीकार किया गया एवं 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। संविधान से ही हमसब बंधे हैं और संविधान से ही देश चलता है इसलिए हम सभी को संविधान के दायरे में ही रहकर कार्य करना चाहिए जिससे अपना देश प्रगति करते हुए विश्वगुरु का गौरव प्रख्यापित कर सके। संविधान से ही हमारी एवं हमारे देश की पहचान है। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद का परिपालन करना ही हम भारतीयों का मूल दायित्व है और इस दायित्व का परिपालन कर हम अपने देश को प्रगति के मार्ग पर ले जा सकते हैं। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद ही हम देशवासियों को जीने की राह दिखाते हैं। इनका परिपालन कर हम स्वयं को और अपने देश को मजबूत बना सकते हैं।
संविधान ही हमारे देश के नागरिकों की शान है, सभी को अपना अधिकार दिलाती जन जन की पहचान है। हम सभी भारतवासियों को संविधान के प्रति पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण की भावना रखनी चाहिए एवं संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद के परिपालन हेतु हमेशा तटस्थ रहना चाहिए जिससे अपना राष्ट्र एक शसक्त राष्ट्र बन सके और पूरे विश्व में महाशक्ति राष्ट्र का गौरव प्रख्यापित कर सके।
इस संविधान दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में निर्देशक डॉ प्रत्युष मणि त्रिपाठी , नितीश तिवारी ( विभाग के प्रमुख ), अमिता अस्थाना सीनियर प्रोफेसर, प्रसून त्रिवेदी - असिस्टेंट प्रोफेसर, मोहित प्रियदर्शी - असिस्टेंट प्रोफेसर, ईशान त्रिपाठी - असिस्टेंट प्रोफेसर, अस्मिता गुप्ता असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रतिभा पटेल - असिस्टेंट प्रोफेसर, सुविज्ञ वर्मा - सिस्टेंट प्रोफेसर, प्रशांत सिंह - असिस्टेंट प्रोफेसर, विजेंद्र सिंह -असिस्टेंट प्रोफेसर, वर्षिका मिश्रा - असिस्टेंट प्रोफेसर तथा सिटी लॉ कॉलेज के प्रथम वर्ष वर्ष के प्रथम छमाही के तमाम छात्र-छात्राये मौजूद रही l
निष्कर्ष: संविधान दिवस हमें अपने संविधान के महत्व और हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमारे समाज में समानता, स्वतंत्रता, और न्याय की भावना को प्रगाढ़ करने का काम करता है।
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