सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर व आशा विवाद को लेकर चार सदस्यीय टीम ने जांच की आरम्भ

कलम बन्द बयान लेकर टीम ने जिला स्वास्थ अधिकारी को सौंपा

सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर व आशा विवाद को लेकर चार सदस्यीय टीम ने जांच की आरम्भ

मसूद अनवर की रिपोर्ट 

बलरामपुर

तुलसीपुर सीएचए की आशा सावित्री और सुमन्त सिंह चौहान के विवाद प्रकरण को लेकर अब उच्च अधिकारियों ने 4 सदस्यों की टीम बना जांच आरम्भ कर दी है जिसमे शिकायत नहीं पक्ष को लेकर लगे आरोप के सम्बंध जांच टीम ने आशा व उनके साथ उक्त विवाद के समय उपस्थित मरीज से पूरी जानकारी एकत्रित की गई है कि क्या मामला है और इसको लेकर उनके बयान को नोट कर उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने की बात बताई जा रही है जिस में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर की अधीक्षक सुमंत सिंह चौहान के ऊपर लगे छेड़छाड़ के आप को लेकर एसीएमओ डॉक्टर बीपी सिंह के नेतृत्व में गठित की गई चार लोगों की टीम पीड़ित आशा के गवाह का बयान लेने चैनपुर बरेडिया गांव में पहुंच कर गवाह का बयान दर्ज किया। गवाह लुबना ने बताया जो सच था वही सब लोगों को बता दिया है । इस तरह से किसी के टॉयलेट में घुसने के बाद इतने दिन तक कार्रवाई न होना बहुत दुखद बात है जो हमने पहले बयान दिया था वहीं हमने दोबारा जांच टीम के सामने बता दिया है। 

जांच टीम द्वारा हमारे लिखाए गए बयान की कोई कॉपी हमें नहीं दी गई है । वही पीड़ित आशा से बात करने पर बताया हमारे ऊपर हर प्रकार से दबाव बनाया जा रहा है। हमारे बेटे को धमकी दी जा रही है कि तुम्हारा मेडिकल स्टोर बंद करा देंगे तुम्हारी मां को नौकरी से निकाल देंगे जिसकी शिकायत भी हमनें जिलाधिकारी बलरामपुर को कर दिया है। इसके साथ अधीक्षक सुमन्त सिंह चौहान के द्वारा हमारे गवाह पर भी दबाव बनाया जा रहा है। एसीएमओ ने बताया गवाह का बयान नोट कर दिया गया है इस संबंध में सीएमओ ऑफिस से जानकारी दी जाएगी। अब देखना यह होगा कि सीएमओ बलरामपुर अपने अधिनस्त अधिकारी पर आखिर क्या कार्यवाही करते है य उसे बचाने का प्रयास करते हुए सारा दोष पीड़ित आशा पर ही थोप उस पर ही कार्यवाही का ठीकरा फोड़ चहेते अधिकारी को बचाने का कार्य करते है ।जिसको लेकर सीएचसी अधीक्षक ने पूरी ताकत झोंक रखी है जिसको लेकर आशा पुत्र का बयान भी वायरल है जिसकी चर्चा क्षेत्र में काफी है कि तुम गरीब हो कुछ नही कर पाओगे मैं दो चार दस लाख खर्च कर दूंगा।अब देखना यह होगा कि पीड़ित आशाओ को जिले के उच्च अधिकारियों के द्वारा न्याय मिलता है य दौलत के आगे सब नतमस्तक होते है ।

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