वसूली के लिए सात फर्जी ईडी अफसरों ने मारा था छापा,  कुछ ऐसा हुआ कि कार भी छोड़कर भाग गए।

वसूली के लिए सात फर्जी ईडी अफसरों ने मारा था छापा,  कुछ ऐसा हुआ कि कार भी छोड़कर भाग गए।

ब्यूरो प्रयागराज। जबसे अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 आई है तबसे देश भर में फर्जी सीबीआई, आईटी और ईडी अधिकारी बन कर वसूली के लिए छापेमारी की घटनाएँ बढ़ गयी हैं।पिछले दिनों दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में 5 करोड़ रुपये की वसूली के लिए फर्जी ईडी अफसरों ने‘21 अक्टूबर की रात पहले तो छापा मारा, फिर कुछ ऐसा हो गया कि उन्हें अपनी कार तक छोड़कर भागनी पड़ी। ईडी  ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस ने खुद को ईडी का अधिकारी बताकर डीएलएफ फार्म इलाके में रह रहे एक शख्स के खिलाफ ‘फर्जी’ छापा मारने और उससे 5 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की कोशिश करने को लेकर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 
 
ईडी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसे 22 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे खबर मिली कि ‘कुछ लोग खुद को ईडी अधिकारी बताकर दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में अशोका एवेन्यू, डीएलएफ फार्म्स में फर्जी ईडी तलाशी कर रहे हैं। उसे यह भी बताया गया कि फर्जी ईडी अधिकारी पीड़ित को उसके बैंक खाते से 5 करोड़ रुपये निकालने के लिए हौज खास स्थित कोटक बैंक की शाखा में ले गए हैं, ताकि ईडी छापे के नाम पर यह राशि निकाली जा जा सके।’
 
पीड़ित ने अधिकारियों को बताया कि 3 लोगों ने उससे बातचीत की, जबकि बाकी लोगों ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। ईडी ने बताया कि ठगों ने पीड़ित से पूछा कि वह अपने बैंक खाते से नियमित रूप से कैश क्यों निकाल रहा है। एजेंसी ने कहा कि उन्होंने उसे उसके पुराने बैंक खाते के कुछ चेक भी दिखाए और ‘फर्जी’ ईडी अधिकारियों ने उसे धमकी दी कि अगर वह उन्हें करोड़ों रुपये नहीं देगा तो वे उसे गिरफ्तार कर ले जाएंगे। एजेंसी के मुताबिक, पीड़ित ने ठगों से कहा कि कि पैसे अगली सुबह ही बैंक से निकाले जा सकेंगे, इसलिए फर्जी अधिकारी उस रात पीड़ित के घर पर ही रुक गए।
 
ईडी के मुताबिक, जब ठग अगले दिन उस व्यक्ति को बैंक ले गए तो वह इस बीच अपने वकील को संदेश भेजने में ‘कामयाब’ हो गया, जो जल्द ही बैंक पहुंच गया और उसने ठगों से पहचान पत्र दिखाने को कहा। ईडी ने कहा, ‘फर्जी ईडी अधिकारियों को पकड़े जाने का शक हुआ और वे बैंक मैनेजर द्वारा बैंक का गेट बंद किए जाने से पहले ही भाग गए।’ ईडी ने बताया कि पीड़ित के घर पर ही रुके कुछ अन्य ठग भी बैंक में हुई घटना की भनक लगते ही भाग गए, लेकिन घर के गेट बंद होने के चलते वे अपनी कार नहीं ले जा सके। 
इसके बाद एजेंसी के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई और वे पुलिस के साथ बैंक पहुंचे। ईडी ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, पीड़ित का बयान दर्ज कर लिया है और उसके घर पर खड़ी कारों को भी जब्त कर लिया है।
 
11 सितंबर को बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी)विभाग के गिरफ्तार चार अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया। इन पर यहां के एक व्यापारी से ईडी अधिकारी बनकर कथित तौर पर 1.5 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करने का आरोप है।ईडी ने बेंगलुरु नगर अपराध शाखा द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि चारों आरोपी कारोबारी के पास ‘फर्जी’ छापेमारी के लिए गए और दावा किया कि वे ‘ईडी’ से हैं और उन्होंने धमकी देकर उससे जबरन 1.5 करोड़ रुपये की वसूली की। उन्होंने बताया कि ईडी उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी और उनकी संपत्तियों की तलाश करेगी ताकि उन्हें धन शोधन निरोधक कानून के तहत जब्त किया जा सके।
 
जीएसटी विभाग के चार अधिकारियों को बुधवार को बेंगलुरु नगर अपराध शाखा ने अपहरण और जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बताया, ‘‘व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि करीब एक सप्ताह पहले चार से पांच लोग उसके घर आए और उसे जबरदस्ती वाहन में बिठाया और दो वाहनों में शहर भर में घुमाया तथा अपने कार्यालय भी ले गए और वहां उन्होंने उससे भारी रकम की मांग की।करीब 1.5 करोड़ रुपये देने के बाद उन्होंने उसे जाने दिया। इस मामले में शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे अपराध शाखा को सौंप दिया गया।’’
 
अपराध शाखा के वरिष्ठ जीएसटी अधिकारियों से पुष्टि की कि इस तरह की कोई छापेमारी अधिकृत नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह पाया गया कि इन लोगों ने अवैध धन हासिल करने के लिए जानबूझकर यह कार्य किया है।गिरफ्तार लोगों में एक अधीक्षक रैंक के अधिकारी के अलावा जीएसटी के निरीक्षक और वरिष्ठ खुफिया अधिकारी रैंक के कर्मचारी शामिल हैं। रांची में7 अक्तूबर 24 रांचीी में हुए जमीन घोटाले के रडार में आए अंचल अधिकारीयों से जांच से नाम हटाने के नाम पर करोड़ो की अवैध वसूली की गयी। ये वसूली ईडी के नाम पर की गयी जिसमें ईडी के रडार पर आए सीओ से इस बात के पैसे लिए गए कि उन्हे कार्रवाई से दूर रखा जाएगा।
 
ईडी के नाम पर रांची में करोड़ों की वसूली का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। वहीं मामला सामने आने के बाद पंडरा ओपी में शिकायत दर्ज करायी गयी है। जानकारी के मुताबिक, कई सीओ को इडी की कार्रवाई से दूर रखने के नाम पर यह वसूली की गयी है। बताया जा रहा है, इडी की कार्रवाई दिखाकर और इडी की चार्जशीट से दूर रखने के नाम पर कई लोगों से करीब सात करोड़ रुपये वसूले गये हैं। मामले की परत खुलने के बाद पुलिस इसकी जांच में जुट गयी है। वहीं इस मामले में बताया जा रहा कि ईडी की कार्रवाई दिखाकर और ईडी की चार्जशीट से दूर रखने के नाम पर कई लोगों से करीब सात करोड़ रुपए वसूले गए हैं। जानकारी मिली है कि कई सीओ जमीन से जुड़े मामले में ईडी के रडार पर थे और इसलिए उन्हे जांच से दूर रखने के नाम पर धोखाधड़ी किया गया। फिलहाल मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।
 
इधर इस मामले में दूसरे पक्ष के द्वारा भी एफआईआर दर्ज करा दिया गया है। बता दें आवेदन में अपहरण और जबरन पैसे वसूलने का आरोप लगाया गया है। दूसरे पक्ष में अधिवक्ता सुजीत कुमार की ओर से यह आरोप लगाया है। वहीं संजीव पांडे के द्वारा ठगी का आरोप अधिवक्ता सुजीत पर लगाया गया है।

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