खुल जा सिम सिम और बंद हो जा सिम-सिम के तर्ज़ पर खुल और बंद हो रहे हैं अवैध नर्सिंग होम
स्वास्थ विभाग की मेहरबानी से चल रहे दो दर्जन से अधिक नर्सिंग होम
रमेश कुमार यादव की रिपोर्ट
बलरामपुर पचपेड़वा कस्बे में चल रहे अवैध नर्सिंग होम के संबंध में स्वास्थ महका के द्वारा खुल जा सिम सिम और बंद हो जा सिम सिम का खेल खेला जा रहा है गौर तलब हो आज के तीन दशक पूर्व प्राथमिक कक्षा में एक पाठ पढ़ाया जाता था जिसका शीर्षक था अलीबाबा और 40 चोर पाठ में एक दरवाजा होता है जिसका नाम सिम-सिम होता है और खुल जा सिम सिम कहने पर दरवाजा खुल जाता है बंद हो जा सिम सिम कहने पर दरवाजा बंद हो जाता है स्वास्थ महकमा पचपेड़वा कस्बे में संचालित अवैध नर्सिंग होम के मामले में यही खेल कर रहा है लगभग एक माह पूर्व जोड़ीकुइयां चौराहे के पास अकबरून निशा पाली क्लिनिक नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारी कर मुख्य दरवाजे पर विभाग ने अपना ताला लगा दिया परंतु सामने से बंद दरवाजे के बावजूद बगल के गैलरी के दरवाजे से डिलीवरी ऑपरेशन सहित सभी का संचालन होते रहे और एक माह के भीतर ही नर्सिंग होम का मुख्य दरवाजा सिमसिम दरवाजे की तरह खुल गया जबकि अकबरुन निशा पाली क्लीनिक की संचालिका राहत जहां स्वास्थ्य टीम के मांगने पर कोई कागजात नहीं दिखा सकी थी और स्वास्थ विभाग में कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है इसी प्रकार पिछले सप्ताह में एक नरसिंह होम जो जुड़ीकुड़ियां चौराहे के पास है इस पर डिप्टी सीएम ओ रविनंदन त्रिपाठी ने पूरी टीम के साथ छापे मारी की टीम के अथक प्रयास के बाद भी न तो कोई पेपर मिला और मेडिकल स्टोर ओपी डी आदि में संचालिका द्वारा बंद किए गए दरवाजों को टीम नहीं खुलवा सकी बाद में गुस्साए स्वास्थ्य टीम के लोगों ने डिलीवरी रूम में अपना ताला जड़कर उसे सील कर दिया इस संबंध में डिप्टी सीएम ओ डॉक्टर अभिनंदन त्रिपाठी के नंबर पर कई फोन करने के मौजूद फोन नहीं उठाया गया पचपेड़वा कस्बे में लगभग दो दर्जन से अधिक नरसिंह संचालित है परंतु स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से सब कुछ कुशल मंगल चल रहा है लगभग छा माह पूर्व नवजात शिशु बेचने के मामले में एक मात्र नर्सिंग होम सील किया गया यदि बहुचर्चित मामला नहीं होता तो इस पर भी कोई कारवाई नहीं होता स्वास्थ्य विभाग मेहरबानी करने में नहीं चुकता उल्लेखनीय है कि पचपेड़वा से जिला मुख्यालय बलरामपुर की दूरी लगभग 60 किमी. है और जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पचपेड़वा छापे मारी के लिए निकती है तो पहले ही सभी नर्सिंग होम संचालको को इस की जानकारी पहले ही हो जाती है इससे भी विभाग की निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग लग रहा है अब यह जांच का विषय है कि टीम के आने की पूर्व सूचना कौन देता है यही कारण है कि किसी एक या दो व्यक्ति की संलिप्तता के कारण विभाग का पूरा मिशन फेल हो जाता है और अबैध रुप से संचालित नरसिंह होम रजिस्ट्री माना तथा गुणवत्ता पूर्ण किया जाए तो सरकारी कोष में एक बड़ा राजस्व प्रति वर्ष जमा हो सकता है परन्तु ऐसे ही भ्रष्ट लोगों के कारण पूरे विभाग पर ऊंगलीयां उठाई जाती है व सरकार को भी चूना लग रहा है इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डा. मुकेश कुमार रस्तोगी ने बात करने पर बताया कि प्रकरण की पुनः जांच करवा कर कार्यवाही की जायेगी।
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