अक्षय नवमी देर शाम तक चला आंवला वृक्ष का पूजन ।

अक्षय नवमी देर शाम तक चला आंवला वृक्ष का पूजन । ए •के • फारूखी ( रिपोर्टर) गोपीगंज भदोही । स्नान ध्यान और दान धर्म के प्रमुख कार्तिक माह मे सोमवार को अक्षय नवमी के दिन अदभुत संयोग मे बड़ी संख्या लोगों ने आवला के नीचे प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण कर अक्षय पूण्य अर्जित किया।

अक्षय नवमी देर शाम तक चला  आंवला वृक्ष का पूजन  ।

ए •के • फारूखी ( रिपोर्टर)

गोपीगंज भदोही । स्नान ध्यान और दान धर्म के प्रमुख कार्तिक माह मे सोमवार को अक्षय नवमी के दिन अदभुत संयोग मे बड़ी संख्या लोगों ने आवला के नीचे प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण कर अक्षय पूण्य अर्जित किया।  विभिन्न स्थानों पर बागो के साथ बाबा बड़े शिव धाम परिसर मे देर शाम तक आवला वृक्ष का पूजन व प्रसाद ग्रहण करने का क्रम चलता रहा। अक्षय फल की कामना के साथ मनाए जाने वाले महत्व पूर्ण पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हर्ष उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया।

अक्षय नवमी को आंवला नवमी या कुष्मांडा नवमी के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय नवमी के नाम से ही स्पष्ट है कि इस दिन की पूण्य और पाप शुभ अशुभ समस्त कार्यों का फल अक्षय यानी अस्थाई हो जाता है तीन वर्ष लगातार अक्षय नवमी का व्रत उपवास एवं पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है ऐसा माना गया है। कार्तिक शुक्ल पक्ष पर सोमवार को अक्षय नवमी का व्रत रखा गया व्रत रख कर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण श्री विष्णु की पूजा अर्चना तथा आवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन कर  पौराणिक व धार्मिक मान्यता को चरित्रार्थ किया। दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान ध्यान के पश्चात अक्षय नवमी के व्रत का संकल्प लेकर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की पंचोपचार व षोडशोपचार पूजा की। इस दिन भगवान विष्णु मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय प्रसन्न होकर भक्तों को उसकी अभिलाषा पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं।

इस पर्व पर आवले के वृक्ष की पूजा फल की प्राप्ति होती है साथ ही सौभाग्य मे वृद्धि होती है। इस पर्व पर आंवले की पूजा पुष्प धूप दीप नैवेद्य से की जाती है पूजन के बाद वृक्ष की आरती करके परिक्रमा करनी चाहिए। इस दौरान कुष्मांड यानी कोहड़े का दान भी किया जाता है आंवले के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण को भोजन करा कर यथाशक्ति दान दक्षिणा देकर पूर्ण अर्जित करने की मानता है इसके अलावा एक अन्य जरूरी वस्तुओं का आदान प्रदान की गई है। इस जीवन में जाने अनजाने में हुए समस्त पापों का शमन हो जाता है।

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