human spirit of freedom
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

आत्मनिर्भरता ही मनुष्य के स्वाधीनता की प्ररणा।

आत्मनिर्भरता ही मनुष्य के स्वाधीनता की प्ररणा। "पराधीन सपने हूं सुख नाही"यह लोकोक्ति हर स्वाभिमानी आदमी और स्वतंत्रता प्रेमी व्यक्ति को याद रहती है। स्वावलंबन या आत्मनिर्भरता ही मनुष्य को स्वाधीन बढ़ने की प्रेरणा देती है। आत्मनिर्भरता की स्थिति में व्यक्ति अपनी इच्छाओं को अपनी सुविधा अनुसार...
Read More...