कुख्यात शातिर सौरभ गर्ग, अभय अग्रवाल पर मेहरबान उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग - पैथालॉजी घोटालों पर विशेष रिपोर्ट
इसीलिए उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में है और यह शातिर ऐश कर रहे है, क्या सीबीआई और ईडी की नज़र इधर नहीं पड़ रही है ??
प्रधानमंत्री जी अपने प्रत्येक भाषण और मन की बात में भ्र्ष्टाचार को मिटाने की बात करते है और उनकी ही अधीनस्थ उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार संगठित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटी हुयी है, इतना विरोधाभास क्यों है ?
विशेष संवादाता,
स्वतंत्र प्रभात, लखनऊ,
पिछले कुछ अंकों से स्वतंत्र प्रभात उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारीयों की कार्यशैली और घोटालों को उजागर कर रहा था, इस अंक में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुख्यात कंपनी POCT SERVICES के डारेक्टर स्वास्थ्य विभाग के शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल के काले कारनामों को उजागर कर रहा है की किस प्रकार से यह जीजा साले की शातिर जोड़ी घटिया जीवन रक्षक उपकरणों के द्वारा उत्तर प्रदेश की जनता को मौत के मुहं में धकेल रहे है, प्रकरण कुछ इस प्रकार से है,
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की स्थापना की गयी और वर्ष 2018 से यह कार्पोरेशन पूर्ण रूप कार्य करने लगा, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन का कार्य है की उत्तर प्रदेश की जनता की स्वास्थ्य रक्षा के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद, अस्पतालों में उनकी स्थापना, जाँच के लिए पैथोलॉजी के उपकरण, जाँच किटें और जाँच में प्रयुक्त होने वाले रसायन एवं रीजेंट और उच्च गुणवत्ता की जीवन रक्षक दवाये खरीद कर अस्पतालों में उपलब्ध कराना, परन्तु उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन में व्याप्त भ्र्ष्टाचार की वजह से यह केवल एक लूट का अड्डा बन गया है, जहाँ अधिकारीयों द्वारा शातिर जीजा साले सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल के साथ मिलकर पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को घटिया जीवन रक्षक उपकरणों, घटिया पैथोलॉजी के उपकरण, जाँच किटें और जाँच में प्रयुक्त होने वाले रसायन एवं रीजेंट के द्वारा मौत के मुहं में धकेल दिया गया है I
ताजा प्रकरण के अनुसार उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या GEM/2023/B/3191752 के द्वारा फुली औटोमेटेड बायो केमिस्ट्री एनालाइजर मात्रा 1053+ 60 = TOTAL QUANTITY 1113 दर रूपये 684400/- प्रत्येक के हिसाब से कुल रूपये 77.66 करोड़ से अधिक की खरीद की जा रही है, क्रय आदेश पिछले माह जुलाई में जारी किया जा चूका है शातिर जीजा साले की कुख्यात जोड़ी को, सबसे विशेष बात यह है की यह निविदा जेम पोर्टल पर निकाली गयी, इस निविदा में में कुल 7 कंपनियों ने प्रतिभाग किया, जिसमे से केवल दो कंपनियों को तकनिकी रूप से पास किया गया, पहली कुख्यात कंपनी POCT SERVICES LUCKNOW, दूसरी उसकी सहयोगी SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED BHOPAL, बाकि सभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता के उपकरण रखने वाली कंपनियों की निविदा को तकनिकी बिड में ही रिजेक्ट कर दिया गया, सारा खेल इस प्रकार से किया गया, भोपाल की SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED कंपनी शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल की सहयोगी कंपनी है,
शातिर सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल की ही एक अन्य कंपनी HEIDELCO MEDICORE के लिए काम करती है, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSC/EQ/RC/192 FOR PULSE OXIMETER की निविदा में HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW ने खुद को चीनी कंपनी SHENZHEN CREATIVE का स्थानीय वितरक दिखाया था और क्रय आदेश में भोपाल SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED ने 3000 UNITS PULSE OXIMETER का अपना क्रय आदेश लगाया था, इसी निविदा में HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW ने घोषित किया था की वो कोई निर्माता कंपनी नहीं है और मध्य प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या 06/MPPHSCL/AMBULANCE EQ/2019 में SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED BHOPAL द्वारा इसी उपकरण PULSE OXIMETER के लिए निविदा में प्रतिभाग किया गया किया,
जिसमे SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED BHOPAL ने अपने आपको HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW का स्थानीय वितरक दिखाया और HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW को उपकरण निर्माता, इसके अतिरिक्त SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED BHOPAL ने उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/450 FOR MULTIPARA MONITOR में अपना क्रय आदेश लगाया था 250 UNITS MULTIPARA MONITOR का, महत्वपूर्ण यह है की इस निविदा में शातिर की ही डमी कंपनी AROMA HEALTHCARE ने प्रतिभाग किया था और अपने आप को इटली की जीमा कंपनी का स्थानीय वितरक बताया था, उत्तर प्रदेश मेडिकल कार्पोरेशन के भ्रष्ट अधिकारीयों ने उक्त निविदा को तकनिकी रूप से पास कर दिया था और उपकरण का डेमोंस्ट्रेशन भी ले लिया था, तभी यह फर्जीवाड़ा सामने आ गया की उपकरण निर्माता इटली की जीमा कंपनी नहीं है, उपकरण निर्माता चीनी कंपनी SHENZHEN CREATIVE MEDICAL है, इतना फर्जीवाड़ा होने के बाद भी उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन के भ्रष्ट अधिकारी SGPGI LUCKNOW के विशेषज्ञों पर दवाब बनाये हुए थे की AROMA HELTHACARE के घटिया चीनी उपकरण को पास किया जाये, जब विशेषज्ञों द्वारा स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया गया
तो उक्त निविदा को ही निरस्त करके उसकी जगह उसी उपकरण के लिए एक नयी निविदा संख्याUPMSCL/EQ/RC/483 निकाल दी और उस निविदा में चीनी उपकरण को प्रतिभाग करने की अनुमति देकर शातिर जीजा साले की जोड़ी की दो कंपनियों HEIDELCO MEDICORE और AROMA HEALTHCARE को पास कर दिया गया, यह है उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन का भ्रष्टाचार, यहाँ सबसे महत्वपूर्ण यह है की उपका जीवन रक्षक उपकरण मासूम और नवजात बच्चो को COVID-19 की तृतीय लहर से बचने के लिए खरीदे जा रहे थे, इन्होने उत्तर प्रदेश के मासूम बच्चों को भी नहीं बक्शा, यह भर्ष्टाचारी अधिकारी जिनमे प्रमुख नाम तत्कालीन अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य आईएएस अमित मोहन प्रसाद, उत्तर प्रदेश की तत्कालीन प्रबंध निदेशिका आईएएस कंचन वर्मा, महाप्रबंधक उपकरण क्रय उज्जवल कुमार, प्रबंधक सिदार्थ बहादुर सिंह, बायो मेडिकल इंजीनियर आरती पांडेय के नाम प्रमुख है,
जिनमे से उज्जवल कुमार और सिद्दार्थ बहादुर सिंह बिहार मेडिकल कार्पोरेशन के बर्खास्त कर्मचारी है जो वर्ष 2014 में बिहार में हुए उपकरण घोटाले में शामिल थे, और इसी शातिर दलाल सौरभ गर्ग की कंपनी के साथ फर्ज़ीवाड़े में लिप्त थे, जिसको उस समय सभी प्रमुख अख़बारों ने प्रमुखता से छापा था, उज्जवल कुमार के भ्र्ष्टाचार के लिए खुद उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की विशेषज्ञों की तकनीकी कमिटी लिखित शिकायत दर्ज़ करा चुकी है और सिद्दार्थ बहादुर सिंह के भर्ष्टाचार की लिखित शिकायत एक आपूर्तिकर्ता द्वारा उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के मुख्यमंत्री को की गयी थी, परन्तु कुछ नहीं हुआ, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात यह है की अभी कुछ दिन पूर्व ही राजधानी लखनऊ में राजभवन के सामने सड़क पर ही महिला को प्रसव हो गया है एम्बुलेंस न मिलने के कारण, बदहाल स्वास्थ्य वयवस्था के कारण, उत्तर प्रदेश की राजधानी में यह हालात है, जहाँ उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के मुख्यमंत्री, सूबे के दो उपमुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल महोदया और ट्रिपल इंजिन की सरकार है I
अब उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन द्वारा यही खेल फिर से किया गया है निविदा संख्या GEM/2023/B/3152990 उपकरण ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनालाइजर फाइव पार्ट में कुल 8 कंपनियों ने प्रतिभाग किया था, परन्तु तकनिकी निविदा में केवल दो ही कंपनियां पास हुईं, दोनों ही शातिर सौरभ की कम्पनिया है पहली POCT SERVICES LUCKNOW और दूसरी AROMA HEALTHCARE LUCKNOW, और AROMA HEALTHCARE LUCKNOW को लगभग 5 करोड़ रूपये का क्रय आदेश जारी कर दिया गया 185 ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनालाइजर फाइव पार्ट उपकरण सप्लाई करने का, , उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन एक संगठित गिरोह बन चुका है
जो सिर्फ शातिर जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल के साथ मिलकर अपनी जेबें भर रहा है और उत्तर प्रदेश की मासूम जनता को घटिया जीवन रक्षक उपकरणों, घटिया पैथालॉजी उपकरणों घटिया रेजेन्टों, घटिया जांच कीटों, घटिया पैथोलॉजी केमिकल द्वारा, POCT SRVICES को वर्ष 2021 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था और इसी ब्लैकलिस्टिंग के कारण राजस्थान सरकार द्वारा इसके टेंडरों को निरस्त किया गया था, इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा POCT SERVICES के घटिया चीनी पैथोलॉजी उपकरणों, जांच कीटों, केमिकल और रेजेन्टों को भी घटिया एवं मानकविहीन होने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया था, बिहार में भी करोना काल में इस शातिर कुख्यात जीजा साले की जोड़ी द्वारा करोना जांच में किया गया फर्जीवाड़ा सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था
यह सब फर्जीवाड़ा क्यों किया जा रहा, इस पर जब संवाददाता द्वारा विशेष पड़ताल की गयी तो एक बहुत बड़ा पैथालॉजी घोटाला सामने आया है जिसके पीछे वही शातिर कुख्यात जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल का नाम सामने आया है, प्रकरण कुछ इस प्रकार से है वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के कुछ अस्पतालों ले लिए पैथालॉजी के मात्र तीन उपकरणों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निविदा की गयी थी, निविदा संख्या 8F/ QC-737 ( QUANTITY CONTRACT) आमंत्रित की गयी थी, चूँकि निविदा इसी प्रकार से सेटिंग वाली थी, इस कारण से तीनो ही उपकरण की आपूर्ति के क्रय आदेश शातिर सौरभ गर्ग की ही कंपनी POCT SERVICES LUCKNOW को दिया गया,
यह क्रय आदेश जारी हुआ था 30 जून 2016 को, यह एक मात्रा अनुबंध था उपकरणों की सीमित मात्रा की सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश के कुछ ही अस्पतालों में , परन्तु 5 सितम्बर 2016 को फर्जीवाड़ा करके इस मात्रा अनुबंध को दर अनुबंध में बदल कर शातिर की तीनो कंपनियों POCT SERVICES LUCKNOW, HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW, AROMA HEALTHCARE LUCKNOW को शामिल करते हुए पूरे प्रदेश में समस्त अस्पतालों के लिए पैथालॉजी में इस्तेमाल होने वाले रीजेन्ट्स, जांच कीटों, पैथालॉजी केमिकल के सप्लाई के लिए वर्ष 2016 से 2024 तक के लिए दर अनुबंध कर दिया गया, अब सवाल यह है की जब पैथालॉजी के उपकरण कुछ ही अस्पतालों में गए थे बाकि अन्य अस्पतालों में उक्त पैथालॉजी के उपकरण थे ही नहीं, तब उन अस्पतालों से पैथालॉजी के रीजेन्ट्स, जांच कीटों और केमिकल के बिल लगा करके बेहिसाब पैसों की निकासी की गयी है, जोकि अभी तक जारी है, यह पैथालॉजी घोटाला देश का सबसे बड़ा घोटाला है I
लूट के इसी क्रम को जारी रखने के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन द्वारा उक्त दो पैथालॉजी के उपकरणों के लिए सेटिंग निविदाएं की गयी है जिससे की शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल को लाभ पहुंचाया जा सके और उत्तर प्रदेश की मासूम जनता को मौत के मुहं में धकेला जा सके, इसी के क्रम में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य आईएएस अमित मोहन प्रसाद, उत्तर प्रदेश की तत्कालीन प्रबंध निदेशिका आईएएस कंचन वर्मा द्वारा उक्त शातिर दलाल सौरभ गर्ग के पैथालॉजी के दर अनुबंध को वर्ष 2020 में ही वर्ष 2024 से बढाकर वर्ष 2027 तक के लिए कर दिया गया है, जबकि उक्त अनुबंध को ख़त्म होने में चार वर्ष बाकि थे,
ऐसी भी क्या जल्दी थी दर अनुबंध बढ़ने की??? यह बहुत बड़ा सवाल है और उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार की छवि और भर्ष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े करता है, सवाल यह है की आज जब 2016 की दर पर बाजार में आटा नहीं उपलब्ध है ऐसे में 2016 की दर पर कोई कंपनी इतने महत्वपूर्ण जाँच किटें, केमिकल और रीजेन्ट्स कैसे सप्लाई कर पायेगी ?, ऐसा इसलिए किया गया क्युकी कही पर कुछ भी सप्लाई नहीं किया जा रहा था केवल सप्लाई के फ़र्ज़ी बिल बनाकर पैसों की निकासी की जा रही थी , इसलिए यह दर अनुबंध बढ़ाया गया ताकि लूट जारी रहे I
वर्ष 2021 और 2022 में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन और शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग, अभय अग्रवाल के संगठित गिरोह द्वारा की जा रही लूट और पूरे प्रदेश की जनता को मौत के मुँह में धकेलने की साज़िश का पर्दाफाश किया गया तो वर्ष २०२२ में शातिर दलाल की कंपनी को निविदा द्वारा क्रय आदेश मिलना बाद हो गए, तब इन शातिर दलाल द्वारा वर्ष २०२२ में अपनी एक अलग कंपनी Q-LINEBIOTECH के नाम से उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा में प्रतिभाग करने लगे, परन्तु इनकी निविदा को तकनिकी बिड में ही रिजेक्ट कर दिया जाता था,
कई लोगों द्वारा इन भर्ष्टाचार के प्रकरणों की शिकायत वर्तमान उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बर्जेश पाठक से की गयी और घोटालों से सम्बंधित सभी साक्ष्य उपलब्ध कराये गए , भ्रष्ट आईएएस अमित मोहन प्रसाद एवं भ्रष्ट आईएएस कंचन वर्मा के उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन से हटने के बाद जब इन शातिर दलों की कुख्यात जोड़ी को कही और सहारा नहीं मिला तब इन्होने ऐसा चक्कर चलाया की वर्तमान उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा इस शातिर दलाल को सम्मानित करवा दिया गया और उसके बाद उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन में फिर से इस शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले की जोड़ी द्वारा फ़र्ज़ी दस्तावेजों द्वारा टेंडर हथियाने एवं घटिया जीवन रक्षक उपकरणों को महँगी दरों पर सप्लाई करने का खेल शुरू हो गया,
अब इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है की उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी लूट में किस स्तर पर बंटवारा हो रहा है? सबसे महत्वपूर्ण यह है की जिन प्राथमिक एवं सामुदायिक केंद्रों के लिए यह पैथालॉजी उपकरण खरीदे जा रहे है वह कुछ जगह तो भवन ही नहीं है और अधिकांश जगह पैथोलॉजी जांच के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी ही नहीं है, ऐसे में मशीन डिब्बे में बंद रहेंगी और 2027 तक पैथालॉजी जांच कीटों, रीएजेन्टों, केमिकल आदि के नाम पर शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी की तीनो कंपनियों के बिल लगाकर प्रत्येक अस्पताल से रुपयों की अवैध निकासी होती रहेगी, उत्तर प्रदेश की मासूम जनता इन शातिर दलाल जीजा साले की कुख्यात जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल के कारण मौत के मुँह में जाती रहेगी ,
वर्तमान उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को जनहित में इस पर संज्ञान लेना होगा और अपनी छवि का बहुत ध्यान रखना होगा क्यूंकि प्रदेश की जनता को उनसे बहुत सी उम्मीदें है , स्वतंत्र प्रभात के पास समस्त साक्ष्य उपलब्ध है और जल्दी ही अपने पाठको के अवलोकन हेतु स्वतंत्र प्रभात की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिए जायेंगे , जिससे जनता को भी यह पता चले की उसके टैक्स की गाढ़ी कमाई को कैसे शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी लूट रही है और पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य वयवस्था को खोखला कर रही है I उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग एवं उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग में फर्जीवाड़ा करके टेंडर हथियाने वाली शातिर दलाल जीजा साले की फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों का विवरण इस प्रकार से है
शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल के नाम कंपनी POCT SERVICES LUCKNOW, HEIDELCO MEDICORE LUCKNOW, Q-LINEBIOTECH LUCKNOW , शातिर दलाल के कर्मचारी मनोज कुरियाल की पत्नी संगीता कुरियाल के नाम दर्ज़ AROMA HEALTHCARE LUCKNOW, फ़र्ज़ी दस्तावेज लगाकर सपोर्टिंग निविदा डालने वाली कंपनियां P. RAVI AND COMPANY AGENCIES LUCKNOW, SCIENCE HOUSE MEDICALS PRIVATE LIMITED BHOPAL, ESS PEE ENTERPRISES PUNJAB, LABX,
सबसे विशेष समाचार यह है की शातिर साले अभय अग्रवाल के मुताबिक उसका शातिर जीजा सौरभ गर्ग वर्ष 2007 तक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और वर्ष 2008 में उसके द्वारा POCT SERVICES कंपनी बनाकर उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग में उपकरण सप्लाई का कार्य शुरू किया गया, वर्ष 2016 तक उक्त कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 81 करोड़ था और 2017 में उपयोगी सरकार बनने के बाद एक ही वर्ष में दुने से अधिक 166 करोड़ हो गया, और वर्ष 2022 के उत्तरार्ध में हुए निवेशकों के सम्मलेन में शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग एवं अभय अग्रवाल द्वारा रूपये 1400 करोड़ के निवेश की घोषणा की गयी, अब आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते है की वर्ष 2016 से चल रहे पैथालॉजी घोटाले और वर्ष 2008 से चल रहे उपकरण घोटाले द्वारा उत्तर प्रदेश की मासूम जनता की गाढ़ी कमाई से दिए गए टैक्स के पैसों को किस तरह से लूटा गया है,
इसीलिए उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में है और यह शातिर दलाल ऐश कर रहे है, क्या सीबीआई और ईडी की नज़र इधर नहीं पड़ रही है ??????? मात्र 15 वर्षों में एक प्राइवेट नौकरी करने वाला व्यक्ति अरबपति- खरबपति बन गया घोटाले पर घोटाला करके, उत्तर प्रदेश मेडिकल कार्पोरेशन के घोटालों पर पिछली सरकार में विपक्ष के मुख्य सचेतक रहे विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा दवारा इस पर उपयोगी सरकार के मुख्यमंत्री, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्य सचिव से जांच की मांग की गयी थी और नियम 301 के तहत विधान सभा में सरकार से उक्त घोटाले पर वक्तव्य देने की मांग की गयी थी जिसको आज तक उपयोगी सरकार पूरा नहीं कर पायी है, इससे जाहिर होता है की देश के इस सबसे बड़े पैथालॉजी घोटाले में कुछ सफेदपोश भी शामिल है, जिनके संरक्षण में यह शातिर दलाल कुख्यात जीजा साले की जोड़ी लूट को अंजाम दे रही है , इसकी जांच बहुत जरूरी है I
कुछ अन्य निविदाओं को भी देखें की कैसे इन कुख्यात शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी प्रदेश की जनता को मौत के मुहं में धकेल रही है, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/458 for Oxygen Concentrator 10LPM, में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/425 for Urine Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली AROMA HEALTHCARE,
उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/450 for Multipara MONITOR में तकनिकी रूप से पास होने वाली AROMA HEALTHCARE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/449 for Infusion Pump में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/153 floated for Procurement of Blood Cell counter में तकनिकी रूप से पास होने वाली POCT SERVICES और LABX,
उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/154 floated for Procurement of Semi Auto Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली केवल एकलौती कंपनी POCT SERVICES, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/156 floated for Procurement of Urine Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली POCT SERVICES, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/157 floated for Procurement of Coagulation Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली POCT SERVICES और LABX, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/158 floated for Procurement of ESR Analyzer. में तकनिकी रूप से पास होने वाली
POCT SERVICES, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/281 floated for procurement of Respiratory Humidifier में तकनिकी रूप से पास होने वाली POCT SERVICES, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/336 for Electrolyte Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/337 for Semi Auto Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE और LABX, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/338 for Blood Cell
Counter-3 Part में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE और AROMA HEALTHCARE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/483 for MULTIPARA MONITOR में तकनिकी रूप से पास होने वाली HEIDELCO MEDICORE और AROMA HEALTHCARE, उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/339 for ESR Analyzer में तकनिकी रूप से पास होने वाली POCT SERVICES और AROMA HEALTHCARE,
उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC/337 for Semi Auto Analyzer में POCT SERVICES ने खुद को उपकरण निर्माता दिखाया, HEIDELCO MEDICORE को उसका अधिकृत वितरक दिखाया और AROMA HEALTHCARE को उस उपकरण की 100 यूनिट्स का उपयोगकर्ता, और इन्ही फ़र्ज़ी दस्तावेजों के द्वारा टेंडर हथिया कर घटिया चीनी पैथालॉजी उपकरण सप्लाई कर दिए गए, उपकरण निर्माता चीनी कंपनी का नाम E-LAB BIOLOGICAL SCIENCE TECHNOLOGY COMPANY LIMITED है, इतना बड़ा फर्जीवाड़ा उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन में लगातार जारी है,
उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन का जब गठन हुआ और उसने टेंडर की शुरुआत की तब प्रत्येक टेंडर में 20-25 कंपनियां प्रतिभाग करती थी और इन शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी की कंपनियां तकनिकी बिड में ही रिजेक्ट हो जाती थी, फिर आया सर्वाधिक भ्रष्ट आईएएस अमित मोहन प्रसाद और आईएएस कंचन वर्मा का दौर, उस दौर में उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन की प्रत्येक निविदा में मात्रा 3-4 कम्पनिया ही प्रतिभाग करती थी और जिसमे से 1 से 2 कंपनी शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी की होती थी, सर्वाधिक भ्रष्ट आईएएस अमित मोहन प्रसाद और आईएएस कंचन वर्मा के हटने के बाद यह लगा की कुछ सुधार होगा,
परन्तु उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कुख्यात शातिर दलाल सौरभ गर्ग को सम्मानित करने के बाद इन शातिर दलालों की जोड़ी का उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन में पुनः वर्चस्व स्थापित हो गया, जिसका जीता जगता उदाहरण यह पैथालॉजी उपकरण की दो निविदाएं है, जिनमे फर्जीवाड़ा करके शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ो को रूपये 77.66 करोड़ का क्रय आदेश दे दिया गया है, यहाँ विशेष है की सूबे के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के पास इन शातिर दलालों दवारा किये गए घोटालों के पूरे साक्ष्य मौजूद है, ऐसा प्रतीत होता है की उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में लूट की बन्दर बाँट वाली कहावत चरितार्थ हो रही है I
उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन में भ्रस्टाचार इस कदर व्याप्त है की निविदा संख्या UPMSCL/EQ/RC-85 में उपकरण ऑक्सीजन फ्लो मीटर के स्पेसिफिकेशन्स में M.I.P.S कंपनी का नाम तक छाप दिया, टेंडर डाक्यूमेंट्स सरकारी दस्तावेज होता है जिसमे सरकार की साख जुडी होती है और यह तब हो रहा है जब प्रदेश में उपयोगी सरकार है और भ्र्ष्टाचार पर उसकी नीति जीरो टॉलरेंस की है, एवं उत्तर प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन का गठन भी इसी उपयोगी सरकार द्वारा किया गया है,
क्या यह उपयोगी सरकार वर्ष 2017 से अपनी नाक के नीचे हो रहे इस भ्र्ष्टाचार की जांच करवा पायेगी? क्या वो इस लूट कांड में शामिल दोषियों को दंड दे पायेगी???? क्या उत्तर प्रदेश की मासूम जनता को घटिया जीवन रक्षक उपकरणों, घटिया पैथालॉजी उपकरणों, घटिया जांच कीटों, घटिया रीएजेन्टों, घटिया पैथलॉजी केमिकल द्वारा मौत के मुंह में धकेलने वाले कुख्यात शातिर जीजा साले की जोड़ी सौरभ गर्ग और अभय अग्रवाल को सजा मिलेगी????
प्रधानमंत्री जी अपने प्रत्येक भाषण और मन की बात में भ्र्ष्टाचार को मिटाने की बात करते है और उनकी ही अधीनस्थ उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार संगठित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटी हुयी है, इतना विरोधाभास क्यों है ????
अगले विशेषांक में उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग में शातिर दलाल जीजा साले की कुख्यात जोड़ी एवं उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के भ्रष्ट अधिकारीयों और कमर्चारियों के गठजोड़ के काले कारनामो एवं घोटालों को उजागर किया जायेगा I
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