मृत नील गाय को रेंजर ड्रमंडगंज की गाड़ी से घसीटते हुए जंगल में ले जाने का वीडियो हो रहा वायरल

वीडियो वायरल होने के बाद वनविभाग में मचा हड़कंप

मृत नील गाय को रेंजर ड्रमंडगंज की गाड़ी से घसीटते हुए जंगल में ले जाने का वीडियो हो रहा वायरल

हलिया। रेंजर ड्रमंडगंज की गाड़ी से मृत नील गाय को रस्सी से बांधकर घसीटते हुए जंगल की ओर ले जाने का किसी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। नील गाय के शव को रेंजर ड्रमंडगंज की गाड़ी से बांधकर भैसोड़ बलाय पहाड़ वनक्षेत्र में वनकर्मियों द्वारा घसीटते हुए ले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद वनविभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि वनविभाग के अधिकारी कर्मचारी  वायरल वीडियो को एक वर्ष पुराना बता रहे हैं। वन दरोगा राम नरेश पांडेय ने बताया कि वायरल वीडियो एक वर्ष पुराना है भैसोड़ बलाय पहाड़ गांव में नील गाय अज्ञात वाहन की टक्कर से नील गाय की मौत हो गई थी।
 
वीडियो में देखने से स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि किस तरह से वन्यजीवों के साथ वनविभाग के लोग अमानवीयता बरत रहे हैं। वायरल वीडियो में नील गाय के मुंह पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे हैं। जिससे लगता है कि नील गाय या तो सड़क दुघर्टना या फिर शिकारियों के चंगुल में आकर घायल होने के बाद मृत हो गया। फिलहाल नील गाय की किन परिस्थितियों में मौत हुई थी यह तो वनविभाग के अधिकारी कर्मचारी ही बता सकते हैं। लेकिन वनविभाग द्वारा मृत नील गाय का पोस्टमार्टम करवाए बिना उसके शव को घसीटकर जंगल की ओर ले जाना वनविभाग पर वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति सवालिया निशान लगा रहा है।
 
वैसे भी ड्रमंडगंज वनरेंज में वन्यजीव यदा कदा ही दिखाई देते हैं वन्यजीवों की मौत होने के बाद वन विभाग अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए शायद दुर्घटना तथा शिकार में घायल होने के बाद मृत जंगली जानवरों को बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शवों को जंगल में फेंकने का कार्य करता है। इस संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी ड्रमंडगंज वीरेंद्र कुमार तिवारी से फोन से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नही समझा। डीएफओ अरविंद राज मिश्र ने बताया कि वायरल हो रहे वीडियो की जांच करवाई जाएगी। जांचोपरांत दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी वन्यजीवों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।

About The Author

Post Comment

Comment List

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

कविता
कुवलय
संजीव-नी|
संजीव-नी।
संजीव-नी।