संसद की सुरक्षा में चूक मामला सामने आया- पुलिस ने दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, UAPA के तहत आरोपियों के खिलाफ चलेगा केस 

13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. तब संसद की कार्यवाही भी चल रही थी. वहीं, अब इस मामले में दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल कर दी है. सभी 6 आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत केस चलेगा.

संसद की सुरक्षा में चूक मामला सामने आया- पुलिस ने दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, UAPA के तहत आरोपियों के खिलाफ चलेगा केस 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा चूक मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर दी है. एलजी वीके सक्सेना से सभी आरोपियों पर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद स्पेशल सेल ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया. विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अधिवक्ता अखंड प्रताप सिंह ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर को सूचित किया कि जांच एजेंसी ने संबंधित अधिकारियों से यूएपीए की धारा 13 के तहत अभियोजन की मंजूरी प्राप्त कर ली है. एसपीपी अखंड प्रताप ने अदालत को यह भी बताया कि कुछ एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार है जो जल्द ही जमा कर दी जाएंगी.
दलील पर गौर करने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले को संज्ञान पर बहस के लिए 2 अगस्त, 2024 के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. इस बीच अदालत ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी उसी तारीख तक बढ़ा दी.

1000 पन्नों की चार्जशीट फाइल 
इससे पहले 7 जून, 2024 को दिल्ली पुलिस ने सभी छह गिरफ्तार आरोपियों मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आज़ाद के खिलाफ लगभग 1000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने हाल ही में संसद हमले के आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत अभियोजन की मंजूरी दी. पिछले साल 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था।

मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम रानोलिया, ललित झा और महेश कुमावत नाम के छह लोगों पर अवैध रूप से संसद में प्रवेश करने और लाइव सत्र के दौरान लोकसभा में धुआं फैलाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था. दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 186/353/452/153/34/120बी और 13/16/18 यूए (पी) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

मामले की जांच बाद में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन से पीएस स्पेशल सेल, नई दिल्ली की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट को स्थानांतरित कर दी गई थी. जांच के दौरान छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और फिलहाल वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं।

 
लोकसभा कक्ष में 2 लोग कूद गए थे 

दरअसल, पिछले साल 13 दिसंबर को 23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई थी. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान संसद की गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे.  उन्होंने रंगीन स्मोक कैन छोड़कर नारे लगाए थे. इस मामले में आरोपितों सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे को दिल्ली पुलिस ने गिफ्तार किया था।

 
तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था

लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है. इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है. विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं. इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है. मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है. इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है. विजिटर गैलरी में में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है।

 
 

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