संजीव-नी।

संजीव-नी।

व्यंग। 
 
हिंदी दिवस l 
 
नेशनल हिन्ढी डे ?
एक अंग्रेज नुमा नेता जी
हिंदी दिवस पर 
आये,करने भाषण बाजी ।
बोले,
लेट अस सेलिब्रेट एन एन्जॉय हिंदी डे,
मुझे हिंदी अच्छी नही आती
मेरे पूरे परिवार को नही भाती,
मेरा पूरा खानदान लंदन,
केम्ब्रिज में लिखा और पढ़ा है
केवल सत्ता के लिए 
देश से चिपका हुआ पड़ा है।
माँ विदेशी बाप आधा देशी
आधा विदेशी ,
माँ को हिन्दी नही आती 
उन्हें इस बात पर शर्म
और हया भी नही आती
फिर मंद बुद्धी नेता ने
एक किया कारनामा 
एक बुजुर्ग कवि से मंच से ही 
पूछ लिया 
एक राज की बात बताइये
मेरा थोड़ा ज्ञान बढाइये
हिंदी दिवस को अंग्रेजी में
क्यों नही मानाते हैं,
केक काटकर डीजे के 
सामने क्यों नही नाचतें,
बुजुर्ग कवि मुस्कुराये
मंद बुद्धी नेता की बातों पर
थोड़ा तरसाये, भरमाये हँसे 
और बोले बेटा देश का यही
दुर्भाग्य है 
कि विदेशी माँ का बेटा 
बन गया संसद में बड़ा नेता 
खाता है देश का 
और गाता है दुश्मन देश का,
उसका हाल है पाकिस्तान जैसा 
विदेश में दर -दर घूम कर
विदेशियों से मांगता फिर रहा
अपनी रक्षा और सुरक्षा के लिए पैसा।
 
संजीव ठाकुर

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