बलरामपुर में शहरी आवास जियो टैग मामले में फर्जीवाड़ा पर सर्वे कंपनी डिबार

फर्जी जियो टैग में सर्वे कंपनी के साथ कर्मचारी जा चुके जेल

नई कंपनी चैन की चल रही कवायत

ब्यूरो रिपोर्ट बलरामपुर 

 

बलरामपुर

बलरामपुर जनपद में शहरी आवासों के जियो टैग मामले में फर्जीवाड़ा मिलने के बाद अब सर्वे कंपनी को राज्य नगरीय विकास अभिकरण ने डिबार कर दिया है। इस फर्जीवाड़े में जनपद के चार थानों पर मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें कंपनी के सात कर्मचारी जेल जा चुके हैं। तब से कार्य रुक गया है। हालांकि नई कंपनी के चयन की कवायद चल रही है।

 

शहरी इलाकों में रह रहे गरीबों को आवास के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना संचालित है। इसके तहत पात्रों को तीन चरण में ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं। पहली किस्त के तौर पर 50 हजार रुपये काम शुरू करने के लिए मिलते हैं। इसके बाद फाउंडेशन स्तर का काम होने के बाद लाभार्थी को डेढ़ लाख रुपये मिलते हैं। अंत में काम पूरा होने की रिपोर्ट मिलने पर 50 हजार रुपये की किस्त जारी की जाती है। बलरामपुर जनपद में इसके लिए जियो टैगिंग का काम क्रिएटिव कंर्सोटियम संस्था को दिया गया था।इस संस्था के कर्मचारियों ने लाभार्थियों से सांठगांठ करके अधूरे आवास को पूरा दिखाकर जियो टैग कर दिया। जांच में मामला पकड़ में आने के बाद नगर, उतरौला, पचपेड़वा व तुलसीपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसमें पुलिस ने साथ कर्मियों को जेल भेजा। अब इस मामले में राज्य नगरीय विकास अभिकरण ने संबंधित सर्वे संस्था के अनुबंध को निरस्त करते हुए डिबार कर दिया है। इस संस्था के स्थान पर नई कंपनी के चयन को लेकर कवायद चल रही है।

 

यह भ्रष्टाचार सामने आने के बाद से जनपद में लोगों को लाभ मिलना बंद हो गया है क्योंकि कार्रवाई सर्वे संस्था न होने के चलते यह समस्या आ रही है। हालांकि विभाग इस संस्था के स्थान पर नई कंपनी के चयन को लेकर कार्य कर रही है।इस संबंध में एडीएम प्रदीप कुमार का कहना कि इसको लेकर पत्राचार किया जा रहा है।

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