A thousand and one criticisms
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

क्या शंकराचार्य अपनी मर्यादाओं को भूल गए ?

क्या शंकराचार्य अपनी मर्यादाओं को भूल गए ? आज की पोस्ट पर मुझे एक हजार एक आलोचनाओं का प्रसाद मिलेगा,क्योंकि मै सनातन धर्म के ध्वजवाहक शंकराचार्यों की भूमिका पर ऊँगली उठाने का दुस्साहस कर रहा हूँ। दुनिया में ईसाईयों और बौद्धों के पास एक-एक धर्म गुरु पोप और...
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