Let Moharram be Moharram brother
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

मोहर्रम को मोहर्रम रहने दीजिये भाईजान

मोहर्रम को मोहर्रम रहने दीजिये भाईजान हिन्दुस्तान में धर्म को धर्म बनाये रखने के लिए शायद कोई तैयार नहीं है ।  न हिन्दू और न मुसलमान। मोहर्रम के जुलूसों में फिलिस्तीनी राष्ट्रध्वजों   को लहराते देख मुझे फ़िक्र होती है। मै देश के उन लोगों में से...
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