दिल्ली मैट्रो ट्रेन के निजीकरण की तैयारी,टेंडर शुरू

दिल्ली मैट्रो ट्रेन के निजीकरण की तैयारी,टेंडर शुरू

स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी।
दिल्ली। दिल्ली मैट्रो रेल निगम ने अब मैट्रो ट्रेन डिपो मे लगे उपकरण के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौपने की शुरूआत कर दी है।इसके लिए बाकायदा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। निजीकरण  के तहत डीएमआरसी ने येलो लाइन के बादली डिपो की मैट्रो ट्रेनों को निजी ऐजेंसी को सौपने की पहल की है।             
 
निजी ऐजेंसी ने डीएमआरसी की इस योजना के प्रति पूरी दिलचस्पी दिखाई तो इस साल के अंत तक बादली डिपो में मैट्रो ट्रेनों के रखरखाव की जिम्मेदारी कोई निजी ऐजेंसी संभाल सकती है। बता दें कि बादली से गुरूग्राम काॅरिडोर का विस्तार वर्ष 2004 से 2015 के बीच छह चरणों में हुआ था। 49 किलोमीटर लंबी येलो लाइन दिल्ली मैट्रो की सबसे भीडभरी  अति वियस्तम काॅरिडोर है।इस काॅरिडोर में 37 स्टेशन है।हर रोज 64 मैट्रो ट्रेने इस पर फर्राटे भरती है। 
 
इस काॅरिडोर की मैट्रो ट्रेनों के रख-रखाव के लिए 3 डिपो है।इनमें खैबरपास,सुल्तान पुर,व बादली डियो शामिल है। जिसमें से बादली डिपो की 20 मैट्रो रेल के रखरखाव की जिम्मेदारी 10 सालों के लिए निजी कांट्रेक्टर को देने की पहल की गई है। डीएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक 10 साल में वह 400 करोड रूपये खर्च करेगा। मौजूदा समय में मैट्रो का रखरखाव खुद डीएमआरसी करती है।
 
उल्लेखनीय है कि येलो लाइन मैट्रो पर पिछले कुछ वर्षो से मैट्रो के परिचालन की जिम्मेदारी निजी ऐजेंसी ही संभाल रही है।  अब इससे लगता है डीएमआरसी धीरे-धीरे मैट्रोलाइन परिचालन एव रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपती जा रही है।निकट भविष्य में मैट्रोलाइन का संचालन पूरी तरह से निजी हाथों में दे दिया जाएगा।
 
 
 

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